उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र के तेओसा विधानसभा सीट पर एक चुनावी जनसभा में बड़ा बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा, “जिन्हें बजरंग बली पसंद नहीं हैं, उन्हें जो पसंद हैं, वहां जाएं।” उनका यह बयान उस राजनीतिक और धार्मिक संदर्भ में था, जहां बजरंग बली (हनुमान जी) और भगवान राम के प्रति श्रद्धा का मुद्दा बन चुका है।
योगी आदित्यनाथ ने सभा में यह भी सवाल उठाया, “भारत के अंदर कौन सा ऐसा भारतीय होगा जो राम को न मानता हो, जो बजरंग बली को न मानता हो?” यह बयान धार्मिक एकता और भारतीय संस्कृति पर जोर देने के रूप में प्रस्तुत किया गया, जहां भगवान राम और हनुमान जी को भारतीय समाज का अभिन्न हिस्सा माना जाता है।
इसके साथ ही, उन्होंने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) पर भी निशाना साधा। योगी आदित्यनाथ ने इस गठबंधन को “महा अनाड़ी” करार दिया और उनके गठबंधन की आलोचना करते हुए कहा कि यह गठबंधन महाराष्ट्र के विकास के लिए हानिकारक है। योगी ने बुधवार को महाराष्ट्र में कई जनसभाओं को संबोधित किया और महा विकास अघाड़ी को विभिन्न मुद्दों पर घेरते हुए भाजपा को राज्य में मजबूत नेतृत्व के रूप में पेश किया।
यह बयान राजनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि महाराष्ट्र में आगामी चुनावों में धर्म और संस्कृति से जुड़े मुद्दे भी प्रमुख होंगे, और योगी आदित्यनाथ का यह बयान भाजपा के धार्मिक समर्थकों को आकर्षित करने के लिए एक रणनीति हो सकती है।
‘आज राम नवमी की शोभा यात्रा प्रतिबंधित की जाती है’
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में महाराष्ट्र में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए एक और विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा, “याद करिए जब बजरंग बली त्रेता युग में रहे होंगे, तब तो इस्लाम नाम की कोई वस्तु ही इस धरती पर नहीं थी।” यह बयान विशेष रूप से धार्मिक संदर्भ में दिया गया था, जिसमें उन्होंने हिंदू धर्म की महत्ता और राम तथा बजरंग बली की पूजा के खिलाफ विरोध या प्रतिबंध को लेकर अपनी नाराजगी जताई।
योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि “आज अगर बजरंग बली की हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है, राम नवमी की शोभा यात्रा निकाली जाती है, तो उसे रोका जाता है या प्रतिबंधित किया जाता है कई कारणों से।” इसके बाद उन्होंने यह भी जोड़ा कि “जिन्हें बजरंग बली पसंद नहीं हैं, उन्हें जो पसंद हैं, वहां जाएं।”
इसके साथ ही उन्होंने सवाल उठाया, “भारत के अंदर कौन सा ऐसा भारतीय होगा जो राम को न मानता हो, जो बजरंग बली को न मानता हो?” इस बयान का उद्देश्य हिंदू धार्मिक आस्थाओं और प्रतीकों का सम्मान करना था, और योगी ने इसे एक राजनीतिक संदेश के रूप में प्रस्तुत किया, जिसमें वह हिंदू धर्म और सांस्कृतिक प्रतीकों को बचाए रखने की बात कर रहे थे।
यह बयान भारतीय राजनीति में धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों को प्रमुख बनाते हुए, खासकर महाराष्ट्र जैसे राज्य में जो कई सांस्कृतिक और धार्मिक विविधताओं का गवाह है, बीजेपी के पक्ष में सहानुभूति बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा सकता है। यह बयान धर्म और राजनीति के मिलाजुला पहलू को उजागर करता है, जो आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण हो सकता है।
जिन्हें बजरंगबली पसंद नहीं हैं, उन्हें जो पसंद है, वहां जाएं… pic.twitter.com/EkTobnsYe9
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 6, 2024
‘आप बंटे नहीं क्योंकि जब भी हम बंटे, हम कटे हैं’
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विदर्भ के वासिम में आयोजित एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए एकता का संदेश दिया और लोगों को विभाजित होने के खतरों के प्रति चेताया। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज का हवाला देते हुए कहा कि मराठा साम्राज्य के संस्थापक ने हमेशा समाज को एकजुट रखने की कोशिश की और सभी को एक साथ लाने के लिए काम किया।
योगी आदित्यनाथ ने कहा, “मैं छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरणा ले रहा हूं और आपसे अपील करता हूं कि आप बंटे नहीं क्योंकि जब भी हम बंटे, हम कटे हैं।” उन्होंने यह संदेश दिया कि समाज को एकजुट रहकर ही उसकी ताकत बढ़ सकती है, और विभाजन से हमेशा नुकसान होता है।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान अपने प्रसिद्ध नारे को दोहराया, “हमें एक रहना है, नहीं बंटना है” और लोगों से यह भी कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करें ताकि राज्य में स्थिरता और विकास बना रहे।
योगी आदित्यनाथ का यह बयान न केवल एकता की आवश्यकता पर जोर देता है, बल्कि राजनीतिक रूप से यह भी दिखाता है कि वह छत्रपति शिवाजी महाराज के नेतृत्व और कार्यों को अपने राजनीतिक दृष्टिकोण के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। यह महाराष्ट्र जैसे विविधतापूर्ण राज्य में धार्मिक और सांस्कृतिक एकता की आवश्यकता पर बल देने के लिए महत्वपूर्ण है।
‘हम काशी और मथुरा की ओर भी आगे बढ़ चुके हैं’
महाराष्ट्र में विपक्ष पर हमला करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महा अनाड़ी गठबंधन पर कड़ी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “मैं उन लोगों को महा अनाड़ी कहता हूं जिन्हें देश, धर्म, राष्ट्रवाद, समाज और राष्ट्र के मूल्यों और सिद्धांतों की चिंता नहीं है। यह काम महा अनाड़ी गठबंधन कर रहा है।” यह बयान उनके द्वारा विपक्षी गठबंधन, खासकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के खिलाफ दिए गए हमले का हिस्सा था, जिन्हें वह भारतीयता और राष्ट्रीयता के प्रति गंभीर नहीं मानते।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए, योगी आदित्यनाथ ने सवाल किया, “क्या इस सबसे पुरानी पार्टी ने कभी भारत और भारतीयता के बारे में गंभीरता से सोचा है?” यह बयान कांग्रेस की राष्ट्रीय और सांस्कृतिक पहचान को लेकर आलोचना करने के रूप में देखा गया।
यही नहीं, योगी ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के संदर्भ में भी कांग्रेस और विपक्ष को घेरा। उन्होंने कहा, “जब राम लला को अयोध्या में एक भव्य मंदिर में स्थापित किया जा रहा था, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यह तो बस शुरुआत है।” साथ ही, बीजेपी के स्टार प्रचारक ने यह भी कहा, “केवल अयोध्या ही नहीं, हम काशी और मथुरा की ओर भी आगे बढ़ चुके हैं।”
योगी आदित्यनाथ ने यह बयान हिंदू धर्म के प्रतीकों, खासकर राम, काशी, मथुरा, और मंदिर निर्माण के मुद्दे को लेकर बीजेपी के एजेंडे को आगे बढ़ाने के रूप में दिया। उनका यह कथन बीजेपी के समर्थकों को एकजुट करने और हिंदू धार्मिक प्रतीकों के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता को मजबूत करने का प्रयास था।