महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में बड़े पैमाने पर हिंदू छात्रों को धर्मांतरण के लिए उकसाने का काम शुरू है. करियर काउंसिलिंग और कंप्यूटर ट्रेनिंग के नाम पर हिंदू छात्रों को पहले कॉलेज में बुलाया जाता है. फिर उन्हें आगे की ट्रेनिंग के लिए मस्जिदों में आने का निमंत्रण दिया जाता है. कुरान की आयतें सुनाई जाती हैं. इस्लाम से जुड़ी बातें बताई जाती हैं और इस्लाम कुबूल करने के लिए उकसाया जाता है. इस खेल का भंडाफोड़ 11 जून को हुआ.
महाराज सयाजी गायकवाड़ आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स कॉलेज में इस तरह का आयोजन किया गया. करियर काउंसिलिंग के नाम पर मुस्लिम छात्रों के साथ कुछ एनसीसी के हिंदू छात्रों को भी बुलाया गया. विषय करियर काउंसिलिंग और कंप्यूटर प्रोग्राम का था. लेकिन अंदर मौलाना मौजूद थे. कुरान की आयतें पढ़ी जा रही थीं. इस्लाम और हिंदू धर्म की तुलना कर हिंदू धर्म को कमतर दिखाया गया.
11 जून (रविवार) को करियर काउंसिलिंग के लिए कॉलेज के छात्र-छात्राओं के साथ ही साथ कॉलेज के बाहर के भी NCC कैडेट्स को बुलाया गया था. सैकड़ो की संख्या में हिन्दू लड़के लड़कियां इस कार्यक्रम में आये थे. कुछ मुस्लिम युवक भी ट्रेनिंग के नाम पर आए थे. लेकिन जब हिन्दू छात्र-छात्राएं यहां पहुचे तो हॉल में इस्लाम से जुड़े हुए पोस्टर और बैनर लगे थे. कुरान की आयतें पढ़ी गयीं. मोहम्मद पैगम्बर से जुड़ी बातें लिखी हुई सामग्रियां और पोस्टर लगे थे. वहां कई मौलाना भी मौजूद थे.
जब हिन्दू लड़कों ने यह नजारा देखा तो ये बात कॉलेज के बाहर भी आग की तरह फैली. बड़ी संख्या में हिन्दू संगठन के लोग इकट्ठा हो गए. अंदर कम्प्यूटर ट्रेनिंग देने के नाम पर हिन्दुओं का ब्रेन वाश कर उनका धर्म परिवर्तन कराने के आरोप लगे.कॉलेज में दोनों पक्षो में बहस शुरू हो गई और दोनों पक्षों को अलग अलग किया गया. इसके बाद बात पुलिस तक पहुंची.
शुरुआती जांच में पोस्टर बैनर और मौलानाओं को देख पुलिस भी हत प्रभ रह गई. कॉलेज के करियर प्रोग्राम में इनका क्या काम? ये सवाल उठे. पुलिस ने तत्काल 15 लोगों को (जो आयोजक थे) हिरासत में ले लिया. उनके खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई.सेक्शन 295 153 A ,298 34 IPC के तहत FIR दर्ज की गई है. अब जो खबर सामने आ रही है उसके मुताबिक कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. सुभाष निकम को सस्पेंड कर दिया गया है. खबर यह भी है कि पुलिस पूछताछ में प्रिंसिपल ने यह स्वीकार किया है कि कार्यक्रम स्थल पर कुरान की आयतें पढ़ी गईं और इस्लाम का बखान किया जा रहा था.
एफआईआर में लिखा है कि प्रशिक्षण देने के नाम पर लड़के लड़कियों को बुलाकर इस्लाम और हिंदू धर्म में फर्क बताया गया और उन्हें मस्जिद में आकर ट्रेनिंग लेने की कहा गया. छात्रों को इसके लिए आर्थिक मदद देने का भी लालच दिया गया. एक मौलाना ने मस्जिदों में बुलाने की वजह बताते हुए छात्रों से यह कहाकि स्कूल कॉलेज तो सीमित दिनों तक चलते हैं. मुस्लिम छात्र-छात्राओं के अलावा बाकी धार्मिक स्थलों में विद्यार्थियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. लेकिन मस्जिद में व्यवस्था होती है. दरअसल ऐसा करते हुए लड़के लड़कियों को बरगलाकर उन्हें मस्जिद और इस्लाम की तरफ आकर्षित किया जा रहा है.