हिंदुओं की आस्था का प्रतीक आद्य ज्योतिर्लिंग के तौर पर विख्यात त्र्यंबकेश्वर मंदिर में उर्स के मौके पर कुछ मुस्लिम युवकों ने जबरन मंदिर में घुसने की कोशिश की. शनिवार की रात 9 बजकर 45 मिनट पर हुई इस घटना में वे लोग ज्योतिर्लिंग को धूप दिखाने और उस पर चादर चढ़ाने की जिद पर अड़ गए. इसके बाद मंदिर प्रशासन से जुड़े कर्मचारियों और पदाधिकारियों ने उनसे ऐसा करने से रोका. वे युवक हुज्जत करते रहे. किसी तरह से पुलिस के हस्तक्षेप से उन्हें मंदिर में प्रवेश करने से रोका गया.
इसी दौरान अहमदनगर जिले में छत्रपति संभाजी महाराज की जयंती के लिए निकले जुलूस पर पत्थरबाजी की घटना सामने आई. अकोला में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज (16 मई, मंगलवार) मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि जो भी सांप्रदायिक तनाव भड़काएगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी त्र्यंबकेश्वर मंदिर के दोषियों पर कठोर कार्रवाई करने के लिए एसआईटी के गठन का आदेश जारी कर दिया गया है. पर सवाल उठता है कि महाराष्ट्र में जगह-जगह इस तरह से दंगे का माहौल पैदा करने के लिए जिम्मेदार कौन है?
श्री त्र्यंबकेश्वर देवस्थान ट्र्स्ट का कहना है कि आखिर जो लोग ज्योतिर्लिंग पर चादर चढ़ाने और धूप दिखाने की जिद पर अड़े थे उनका मंसूबा क्या था? वे ना हिंदू थे और ना ही उन्होंने ज्योतिर्लिंग पर आस्था होने की बात कबूल की थी, फिर इस अनपेक्षित काम को अंजाम देकर हासिल क्या करना चाह रहे थे? ब्राह्मण महासंघ ने चेतावनी दी है कि हिंदुओं के संयम की परीक्षा ना ली जाए. अगर जल्दी दोषियों का पता लगाकर उनपर कठोर कार्रवाई नहीं की गई तो राज्यभर में तीव्र आंदोलन शुरू किया जाएगा.
बीजेपी विधायक नितेश राणे ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र में दंगे भड़का कर उद्धव ठाकरे सत्ता में वापसी का प्लान कर रहे हैं. वे महाराष्ट्र की ताजा हिंसक घटनाओं का मास्टरमाइंड पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बताते हुए कहते हैं कि जिस तरह से 1993 के मुंबई दंगे के बाद 1995 में सत्ता हासिल की गई थी, वही घटना फिर दोहराए जाने की साजिश रची जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर हिंदुओं की बजाए किसी और के धार्मिक स्थल पर इस तरह की घटना हुई होती तो पूरा महाराष्ट्र जल उठता.
फिलहाल मामले में एफआईआर दर्ज कर लिया गया है और गृहमंत्री के आदेश के बाद अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में एसआईटी गठन की तैयारी शुरू कर दी गई है. दोषियों के पता लगने के बाद ही इस पूरे मामले को लेकर मकसद का पता लग पाएगा.