महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की तरफ कदम बढ़ा दिया है. राज्य में शिंदे शिवसेना- भाजपा और एनसीपी (अजीत गुट) की गठबंधन सरकार है. कैबिनेट ने आज सुबह मराठा आरक्षण बिल को मंजूर कर लिया. सरकार ने आश्वस्त किया है कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण को प्रभावित किए बिना मराठों को कोटा दिया जाएगा. मराठा समुदाय काफी समय से आरक्षण की मांग कर रहा है. ऐसे में सरकार ने आज विधानमंडल का एक दिन का विशेष सत्र बुलाया है. शाम तक यह बिल विधानसभा से भी पारित हो सकता है. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यह भाजपा सरकार का मास्टरस्ट्रोक हो सकता है.
Maratha Reservation | Maharashtra Cabinet approved the draft of the bill for 10% Maratha reservation in education and government jobs
— ANI (@ANI) February 20, 2024
आरक्षण की मांग कर रहे मनोज जरांगे पाटिल भूख हड़ताल पर हैं. उन्होंने आज तक का अल्टीमेटम दे रखा है. दूसरी तरफ महाराष्ट्र सरकार के सामने ओबीसी को नाराज न होने देने की अलग चुनौती है. कई ओबीसी नेता और संगठन मराठों को ओबीसी कोटा में शामिल करने का विरोध कर रहे हैं. सरकार में शामिल मंत्री छगन भुजबल ने इसे मराठा समुदाय का ‘कुनबीकरण’ और उन्हें ओबीसी आरक्षण में बैक डोर से एंट्री करार दिया है.
#WATCH | Mumbai | Maharashtra Cabinet approved the draft of the bill for 10% Maratha reservation in education and government jobs.
Samajwadi Party (SP) MLA Rais Shaikh says, "….When the Maratha community was given reservation by the previous government, on the same day a… pic.twitter.com/KjyVpopxqK
— ANI (@ANI) February 20, 2024
सपा बोली, मुसलमानों को भी दो आरक्षण
इस बीच, महाराष्ट्र के सपा विधायक रईस शेख ने अलग मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि हम मराठा समुदाय को आरक्षण का स्वागत करते हैं लेकिन मुस्लिम समुदाय को इग्नोर किया जा रहा है. हम सरकार से अपील करते हैं कि आप सभी के साथ जस्टिस कीजिए.