विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र की शिंदे कैबिनेट ने बड़ा ऐलान किया है. महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई में एंट्री करने वाले सभी पांच टोल बूथों पर हल्के मोटर वाहनों के लिए टोल शुल्क को पूरी तरह से माफ करने की घोषणा की है. यह नियम आज रात 12 बजे से लागू हो जाएगा.
इस घोषणा के बाद छोटे वाहन चाल सभी पांच टोल बूथों पर कोई टोल नहीं देना होगा. मुंबई में एंट्री प्वॉइंट्स के ये पांच टोल बूथ हैं:
1) दहिसर
2) आनंद नगर टोल
3) वैशाली
4) मुलुंड
5) ऐरोली क्रीक ब्रिज
कैबिनेट मंत्री ने बताया क्रांतिकारी फैसला
महाराष्ट्र के मंत्री दादाजी दगडू भुसे कहते हैं, “मुंबई में एंट्री के समय, दहिसर टोल, आनंद नगर टोल, वैशाली, ऐरोली और मुलुंड सहित 5 टोल प्लाजा थे. इन टोल पर 45 रुपये और 75 रुपये वसूले जाते थे, यह 2026 तक लागू था. लगभग 3.5 लाख वाहन ऊपर-नीचे आते-जाते थे. इनमें से लगभग 70 हजार भारी वाहन थे और 2.80 लाख हल्के वाहन थे. आज सरकार ने रात 12 बजे के बाद हल्के वाहनों को टोल से छूट देने का फैसला किया है…लोगों को कतारों में लगने वाला समय बचेगा. सरकार कई महीनों से इस पर चर्चा कर रही थी और आज यह क्रांतिकारी फैसला लिया गया है.”
कैबिनेट का यह निर्णय अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों में महायुति के पक्ष में मतदाताओं को लुभाने के लिए कई लोकलुभावन निर्णयों के बाद आया है.
लगातार हो रही थी टोल फ्री करने की मांग
महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) ने मुंबई में 55 फ्लाईओवर बनाए. इन पुलों की लागत वसूलने के लिए सबसे पहले मुंबई के प्रवेश द्वारों पर टोल बूथ बनाए गए. जैसे ही पुलों का निर्माण जैसे ही अंतिम चरण में पहुंचा तो टोल बूथों के निर्माण के लिए वर्ष 1999 में एक निविदा जारी की गई. वर्ष 2002 में सभी पांच टोल बूथ चालू हो गए.
इसके बाद, मुंबई टोल बूथों पर प्रवेश बिंदुओं पर टोल वसूली शुरू की गई. महाराष्ट्र में, मुख्य रूप से मुंबई में, मनसे और कई कार्यकर्ता टोल माफ करने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. हाल ही में, यूबीटी सेना और राज्य के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने भी मुंबई में टोल माफ करने की मांग की थी.
हाल ही में शिंदे सरकार ने लिए बड़े फैसले
इससे पहले महाराष्ट्र कैबिनेट ने मदरसों में डी.एड., बी.एड. शिक्षकों के वेतन में वृद्धि की थी. साथ ही मौलाना आज़ाद अल्पसंख्यक आर्थिक विकास निगम की शेयर पूंजी को 700 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपये करने को भी मंजूरी दी थी.