महाराष्ट्र सरकार ने राज्य वक्फ बोर्ड को मजबूत करने के लिए 10 करोड़ रुपये जारी करने का आदेश वापस लिया. मुख्य सचिव सुजाता सौनिक ने इसकी जानकारी दी. महाराष्ट्र बीजेपी ने इसको लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला है और बताया है कि पहले का आदेश रद्द कर दिया गया है.
बीजेपी महाराष्ट्र ने ट्वीट किया, ”वक्फ बोर्ड को 10 करोड़ रुपये के भुगतान को लेकर प्रशासन ने जीआर रद्द कर दिया है. बीजेपी-महायुति सरकार द्वारा महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड को तुरंत 10 करोड़ का फंड दिए जाने की फर्जी खबर फैल रही है. प्रशासनिक स्तर पर अधिकारियों द्वारा आपसी सहमति से यह गलत निर्णय लिया गया. लेकिन बीजेपी नेताओं के कड़े विरोध के बाद अब इस फैसले को रद्द कर दिया गया है. बीजेपी इस बात पर अड़ी है कि वक्फ बोर्ड का संविधान में कोई स्थान नहीं है और वह इसे जारी रखेगी.”
वक्फ बोर्डाला १० कोटी रुपये देण्याबद्दल प्रशासनाने काढलेला GR रद्द🚩
भाजपा-महायुती सरकारने महाराष्ट्र वक्फ बोर्डाला तातडीने १० कोटींचा निधी दिल्याच्या खोट्या बातम्या प्रसिध्द होत आहेत. हा चुकीचा निर्णय प्रशासकीय पातळीवरील अधिकाऱ्यांनी परस्पर घेतला होता. मात्र भाजप नेत्यांच्या… pic.twitter.com/ZlF1XWBQZm
— भाजपा महाराष्ट्र (@BJP4Maharashtra) November 29, 2024
वक्फ बोर्ड को सुदृढ़ करने के लिए दिए जाने थे पैसे
मुख्य सचिव सुजाता सौनिक ने सरकारी निर्णय वापस लिए जाने की पुष्टि की है. 28 नवंबर के सरकारी आदेश के मुताबिक महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड को मजबूती देने की दिशा में 2024-25 की अवधि में 20 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. इनमें से दो करोड़ रुपये छत्रपति सांभाजी नगर में वक्फ बोर्ड के मुख्यालय को जारी किए गए थे.
बीजेपी ने जताई थी चिंता
चुनाव प्रचार के दौरान भी महायुति सरकार की प्रमुख सदस्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने वक्फ भूमि के प्रबंधन को लेकर चिंता जताई थी. चुनाव से पहले जून में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने औरंगाबाद में वक्फ बोर्ड को 2 करोड़ रुपये दिए थे और शेष धनराशि बाद में जारी करने का वादा किया था. इस कदम का विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने विरोध किया था. वीएचपी के कोंकण डिवीजन सचिव मोहन सालेकर ने आजतक को बताया कि वे वक्फ बोर्ड को धन आवंटित करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि ‘महायुति सरकार वह कर रही है जो कांग्रेस सरकार ने भी नहीं किया. सरकार धार्मिक समुदाय का तुष्टिकरण कर रही है. अगर इस फैसले को वापस नहीं लिया गया तो महायुति पार्टियों को स्थानीय निकायों और विधानसभा के आगामी चुनावों में हिंदुओं के क्रोध का सामना करना पड़ेगा.’
महायुति ने दर्ज की बड़ी जीत
इससे पहले अल्पसंख्यक विभाग द्वारा राज्य वक्फ बोर्ड को 10 करोड़ रुपये के आवंटन के संबंध में महाराष्ट्र सरकार का एक प्रस्ताव जारी किया गया था। विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान महायुति का हिस्सा भाजपा ने वक्फ भूमि के प्रबंधन को लेकर चिंता जताई थी। 20 नवंबर को हुए चुनाव में बीजेपी, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी की महायुति ने 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन किया।
इससे पहले गुरुवार को लोकसभा ने वक्फ बिल पर संयुक्त समिति का कार्यकाल अगले साल संसद के बजट सत्र के आखिरी दिन तक बढ़ाने का प्रस्ताव अपनाया। समिति के अध्यक्ष और भाजपा नेता जगदंबिका पाल ने लोकसभा में प्रस्ताव पेश किया, जिसने ध्वनि मत से इसे मंजूरी दे दी। 8 अगस्त को सरकार ने लोकसभा में वक्फ बिल पेश किया और कहा कि इस कानून का उद्देश्य वक्फ बोर्ड के काम को सुव्यवस्थित करना और वक्फ संपत्तियों का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित करना है।