महाराष्ट्र के परभणी में संविधान के अपमान को लेकर भड़की हिंसा ने स्थानीय और राज्य प्रशासन के सामने गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है। इस घटना के बाद से इलाके में तनावपूर्ण माहौल है, और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है। बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा के साथ कथित छेड़छाड़ और संविधान के अपमान को लेकर उग्र प्रदर्शन हुए हैं।
घटना का विवरण:
- प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ और संविधान का अपमान किया गया है।
- इसके विरोध में लोगों ने आगजनी की और हिंसक प्रदर्शन शुरू कर दिए।
- पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
प्रकाश आंबेडकर का बयान:
- वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने इस घटना को “जातिवादी मराठा उपद्रवियों” का कृत्य करार दिया है।
- उन्होंने कहा कि यह दलित पहचान और बाबासाहेब अंबेडकर के प्रतीकों के प्रति अपमान का एक और उदाहरण है।
- उन्होंने दोषियों को कठोरतम सजा देने की मांग की है।
प्रदर्शनकारियों की मांग:
- प्रदर्शनकारी संविधान का अपमान करने वालों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं।
- उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए राज्य सरकार पर दबाव बनाया है।
प्रशासन का कदम:
- स्थानीय प्रशासन ने घटना की जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया है।
- संवेदनशील इलाकों में धारा 144 लागू की गई है, और इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं।
- पुलिस ने कहा कि वे मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं और हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया:
- घटना को लेकर दलित संगठनों में आक्रोश है, और कई संगठनों ने इसे दलित समाज के खिलाफ साजिश बताया है।
- राज्य के अन्य हिस्सों में भी प्रदर्शन की खबरें आ रही हैं।
आगे की चुनौतियां:
- प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है स्थिति को जल्द से जल्द नियंत्रण में लाना और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना।
- इस घटना के कारण राजनीतिक दलों के बीच तीखी बयानबाजी हो रही है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं।
इस घटना ने समाज में गहराई से व्याप्त असमानता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान की कमी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह आवश्यक है कि सभी पक्ष शांति बनाए रखें और न्याय सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।
The vandalisation of the Constitution of India at Babasaheb’s statue by casteist Maratha miscreants in Parbhani is absolutely very shameful to say the least.
It is not the first time such a vandalism of Babasaheb’s statue or symbol of Dalit identity has happened.
VBA Parbhani…
— Prakash Ambedkar (@Prksh_Ambedkar) December 11, 2024
उन्होंने कहा, “वीबीए परभणी जिले के कार्यकर्ता सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे और उनके विरोध प्रदर्शन के कारण पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और उपद्रवियों में से एक को गिरफ्तार किया। मैं सभी से कानून और व्यवस्था बनाए रखने का अनुरोध करता हूं। अगर अगले 24 घंटों के भीतर सभी उपद्रवियों को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो परिणाम भुगतने होंगे।”