राजस्थान कांग्रेस की दिल्ली में बड़ी बैठक हुई है। माना जा रहा है कि हाल ही में महाराष्ट्र की सियासत में जो कुछ भी हुआ, कांग्रेस भी अब उसके बाद सतर्क हो गई है। लिहाजा आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ एक अहम बैठक की। माना जा रहा है इस बैठक में सचिन पायलट को लेकर कोई बड़ा फैसला हो सकता है।
बैठक में कौन-कौन होगा शामिल
थोड़ी देर में दिल्ली में राजस्थान कांग्रेस की बड़ी बैठक शुरू होगी। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व सांसद राहुल गांधी भी हिस्सा लेंगे। सचिन पायलट भी बैठक में हिस्सा लेने के लिए कांग्रेस दफ्तर पहुंचे थे। उधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वर्चुअली मीटिंग में शामिल हुए। इसके अलावा राजस्थान कांग्रेस प्रभारी रंधावा और प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा भी इसमें हिस्सा रहे। बताया जा रहा है कि बैठक में सचिन पायलट को राज्य के अंदर कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।
Congress leader Rahul Gandhi will hold a press conference at the party headquarters in Delhi later today.
A meeting of Rajasthan Congress leaders with party president Mallikarjun and Rahul Gandhi is underway at the AICC HQ.
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— ANI (@ANI) July 6, 2023
राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहते हैं पायलट
बताया जा रहा है कि सचिन पायलट प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते हैं। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने कांग्रेस आलाकमान को इसके बारे में बता दिया है। लेकिन, कांग्रेस आलाकमान उन्हें प्रदेश की जगह कांग्रेस संगठन में बड़ी जिम्मेदारी देना चाहती है। लेकिन पायलट अपनी जिद पर अड़े हैं और वे राजस्थान में ही रहना चाहते हैं। सचिन पायलट का खेमा चाहता है कि वह फिर से प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष बनें ताकि अगले विधानसभा चुनावों में टिकट बंटवारे में उनकी भूमिका अहम हो। प्रदेश कांग्रेस कमिटी का अध्यक्ष होने के नाते वे अपने समर्थकों को ज्यादा से ज्यादा टिकट दिला सकते हैं। पायलट चाहते हैं कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी मिले लेकिन कांग्रेस आलाकमान उन्हें राष्ट्रीय महासचिव का पद ऑफर कर रहा है।
महाराष्ट्र में NCP की टूट से लिया सबक?
माना जा रहा है कि जिस तरह से सालों की लंबी कलह और मनमुटाव के बाद अजित पवार ने शरद पवार की NCP तोड़कर पूरी पार्टी पर दावा ठोक दिया। कांग्रेस को भी अंदाजा है कि राजस्थान कांग्रेस में मची कलह ज्यादा दिन तक दबाई नहीं जा सकती। यही कारण है कि एनसीपी टूट के बाद कांग्रेस आलाकमान एक्टिव हो गई है और राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले गहलोत और पायलट गुट के बीच सामंजस बिठा सके।