राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय समन्वय समिति की तीन दिवसीय बैठक गुरुवार से पुणे में शुरू होगी. इस बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत, सह-सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन मंत्री बीएल संतोष सहित संघ प्रेरित 36 संगठनों के करीब 266 पदाधिकारी शामिल होंगे. इस बैठक में राम मंदिर सहित देश और समाज से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी. प्रत्येक संगठन अपने कार्यों की जानकारी देगा और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करेगा.
बुधवार को आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने समन्वय बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ गत कई वर्षों से समाज में सक्रिय है और संघ के स्वयंसेवक अपने शाखा कार्य के माध्यम से लगातार राष्ट्र की सेवा में लगे हैं. संघ के स्वयंसेवक शाखा में काम करने के साथ-साथ समाजसेवा के अलग-अलग कार्य भी करते हैं.
उन्होंने कहा कि संघ प्रेरित 36 संगठनों की 14 से 16 सितंबर तक पुणे में समन्वय बैठक होने वाली है. यह बैठक सर परशुरामभाऊ कॉलेज परिसर में होगी. पिछली बार यह बैठक छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुई थी.
भागवत, नड्डा सहित 36 संगठनों के 266 पदाधिकारी लेंगे हिस्सा
उन्होंने कहा कि इस बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत, सह-सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और बीजेपी के संगठन मंत्री बीएल संतोष के साथ-साथ 36 संगठनों के अध्यक्ष, महासचिव और संगठन महासचिव सहित कुल 266 पदाधिकारी हिस्सा लेंगे.
बैठक में विहिप अलोक कुमार और मिलिंद परांडे, मजूदर संघ, एबीवीपी, संस्कार भारती, किसान संघ,वनवासी आश्रम सहित विभिन्न संघ प्ररित अन्य संगठनों के अध्यक्ष, महासचिव सहित अन्य पदाधिकारी हिस्सा लेंगे.
उन्होंने कहा कि सभी संगठनों के पदाधिकारी इस बैठक में अपने अनुभव साझा करेंगे. ये संगठन कई वर्षों से सामाजिक जीवन में सक्रिय हैं और अपने-अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं और अपना स्थान बनाया है.
राम मंदिर सहित ज्वलंत मुद्दों पर भी बैठक में होगी चर्चा
उन्होंने कहा किइन संगठनों ने अपने क्षेत्र में क्या काम किया और भविष्य के लिए क्या सोचा है. इन सभी योजनाओं का साझा करेंगे. उन्होंने कहा कि देश में महिलाओं के सम्मेलन के आयोजन हो रहे हैं. महिला सशक्तिकरण और सामाजिक जीवन में उनकी सहभागिता कैसे बढ़े. भारतीय दृष्टि से महिलाओं को लेकर चिंतन हो रहा है. महिलाओं से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी.
उन्होंने कहा कि देश में वैचारिक मुद्दों पर आते रहते हैं. मूलभूत धर्म के बारे, संस्कृति के बारे में, भूतकाल, वर्तमान और भविष्य के कई विषय आते हैं. देश में विभिन्न विचार हो सकते हैं. सत्य और तथ्यों के आधार पर चर्चा होनी चाहिए. संघ और संघ प्रेरित संगठनों का आग्रह रहता है. उन पर विचार-विमर्श होगा.
उन्होंने कहा कि सामाजिक परिवर्तन के प्रयास सभी लगे हुए हैं. जीवन मूल्यों के साथ परिवार चलनी चाहिए. पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर चर्चा होगी, लेकिन इस बैठक में कोई निर्णय नहीं लिए जाएंगे,क्योंकि बैठक कार्यकारिणी की बैठक में होती है.
सभी संगठन अपनी कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेंगे. आरएसएस की भुज में नवंबर में कार्यकारिणी बैठक होनी है. इस बैठक में नीतिगत विषय पर फैसले लिए जाएंगे.