महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना के विधायक सदा सरवणकर ने एक बड़ा खुलासा किया है। यह 2000 में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी के घर पर हुए हमले हमले से जुड़ा है। सरवणकर का दावा है कि उस समय उनका टिकट उद्धव ठाकरे ने काटा था। लेकिन इसका दोष मनोहर जोशी पर डाल दिया। फिर संजय राउत ने उनसे मनोहर जोशी का घर जलाने को कहा।
23 साल पुरानी घटना को लेकर सरवणकर ने यह खुलासा कोल्हापुर में जनसंपर्क के दौरान किया। न्यूज एजेंसी एएनआई से 12 सितंबर 2023 को बातचीत में उन्होंने इसकी पुष्टि की है। उनका दावा है कि टिकट के लिए उनसे शिवसेना के शीर्ष नेतृत्व ने करोड़ो रुपयों की डिमांड भी की थी। साथ ही आरोप लगाया है कि उद्धव ठाकरे अपने विधायकों की शक्ल भी नहीं देखते हैं।
सदा सरवणकर ने ANI को बताया कि वे 2 दिन पहले कोल्हापुर में जनसम्पर्क के लिए गए थे। इसी दौरान कुछ लोगों ने उनसे मनोहर जोशी के शिवाजी पार्क स्थित घर पर हुए हमले की वजह पूछी। इनको सरवणकर ने बताया कि टिकट देना या न देना बाला साहब ठाकरे के हाथ में था। लेकिन साल 2000 में उनका टिकट उद्धव ठाकरे ने साजिश कर कटवा दिया। इसका आरोप मनोहर जोशी पर लगा दिया।
शिंदे गुट के विधायक के अनुसार टिकट कटने से नाराज होकर वे अपने कई समर्थकों के साथ मातोश्री पहुँचे थे। यहाँ उद्धव ठाकरे और राहुल नार्वेकर ने उनसे कहा कि उनका टिकट मनोहर जोशी ने काट दिया है। वे समर्थकों के साथ जोशी के घर जा रहे थे। सरवणकर का दावा है कि इसी दौरान संजय राउत ने उन्हें फोन किया। कथित तौर पर राउत ने उनसे कहा, “घर पर जा रहे हो तो उनको छोड़ो मत। बाजू में पेट्रोल पम्प है, घर जला दो।” सरवणकर का दावा है कि इसी निर्देश के बाद मनोहर जोशी के घर हमला हुआ था।
#WATCH | Mumbai: Eknath Shinde faction leader and MLA Sada Sarvankar says, "I was told by Uddhav Thackeray to attack Manohar Joshi's residence because the latter had opposed my ticket. As I left with my workers, I received a call from Sanjay Raut instructing me to carry petrol… pic.twitter.com/tvrQLWJRgH
— ANI (@ANI) September 12, 2023
सरवणकर का कहना है कि हमले के अगले दिन उन्हें मातोश्री बुलाया गया। फिर उद्धव ठाकरे ने उन्हें हिंसा का दोषी बता टिकट आदेश बांदेकर को दे दिया। शिंदे गुट के विधायक ने कहा है कि भले ही उन्हें टिकट नहीं दिया जाता पर जिन मनोहर जोशी के नेतृत्व में उन्होंने 30-35 साल काम किया उनके खिलाफ उद्धव ठाकरे को इस तरह से हरकत नहीं करवानी थी।
सदा सरवणकर ने आरोप लगाया कि विधानसभा की उम्मीदवारी के लिए शिवसेना के शीर्ष नेतृत्व द्वारा उनसे 10 करोड़ रुपए की माँग भी की गई थी। सरवणकर के अनुसार उद्धव ठाकरे अपने विधायकों को देखना भी नहीं चाहते थे, इसलिए कई शिवसैनिक अपने आप एकनाथ शिंदे के साथ खड़े हो गए।