महाराष्ट्र के पुणे में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के कई सदस्य मंगलवार (3 अक्टूबर, 2023) को उन मुस्लिम गुंडों के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए मंचर पुलिस स्टेशन में इकट्ठे हुए थे। दरअसल, इन लोगों ने शुक्रवार (29 सितंबर, 2023) की रात को स्थानीय बजरंग दल कार्यकर्ता सूरज चक्रधर धरम के घर पर हमला किया था।
बता दें कि यह हमला 28 सितंबर, 2023 को मंचर में गणपति विसर्जन जुलूस के दौरान मुस्लिमों और हिंदुओं के बीच हुई एक छोटी सी झड़प के बाद हुआ था। इस मामले में हाथापाई शांत होने के बाद भी मुस्लिम भीड़ ने बजरंग दल कार्यकर्ता चक्रधर धरम के घर पर हमला किया था, जबकि इस हमले से एक दिन पहले ही दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया था। घर पर चक्रधर के न मिलने पर उनके घर की महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया और जान से मारने की धमकी दी गई।
इस मामले में यह बात भी सामने आई है कि पुलिस प्रशासन पीड़ित कार्यकर्ता और उनकी माँ की शिकायत पर आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज करने में देरी कर रहा था। इसके बाद बजरंग दल कार्यकर्ता और विश्व हिंदू परिषद के सदस्य मिलकर पुलिस स्टेशन पहुँचे। तब कई घंटों की मशक्कत के बाद पुलिस ये मानने को तैयार हुई कि गलती हमलावर मुस्लिम भीड़ की थी।
थाने में शाम से शुरू हुई ये मशक्कत रात करीब 12 से 12:30 बजे तक चलती रही थी। इसके बाद मामले की गंभीरता को महसूस करते हुए मुस्लिमों ने सूरज धरम, उनकी माँ और परिवार के अन्य सदस्यों से बगैर शर्त माफी माँगी। यहीं नहीं उन्होंने एक लिखित माफीनामा भी दिया। इसमें कहा गया कि वे भविष्य में किसी भी तरह से हिंदू युवाओं को नुकसान नहीं पहुँचाएँगे।
मंचर में बजरंग दल और विहिप ने संभाला मोर्चा
इस मामले में पुणे और मंचर के विहिप और बजरंग दल की सक्रियता पीड़ित परिवार के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुई। इनमें पुणे जिला के वीएचपी प्रमुख संतोष खामकर, विहिप संचार प्रमुख गणेश राऊत सहित मंचर के बजरंग दल के ब्लाक प्रमुख अक्षय जगदाले, मंचर शहर के बजरंग दल प्रमुख चिन्मय महाजन, वरिष्ठ हिंदू कार्यकर्ता चेतन और महेश थोराट का अहम योगदान रहा। ये लोग सूरज चक्रधर धरम को साथ लेकर अन्य सैकड़ों हिंदू युवाओं के साथ 3 अक्टूबर की शाम को हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए मंचर पुलिस स्टेशन गए।
सूरज की माँ ने शिकायत में कई आरोपितों का जिक्र किया था। इनमें रियाज जमादार, इसरार शाहबाज खान पठान, आजम मोमिन, कय्यूम पठान, मीरान अनीस इनामदार, आकिब रहमान अत्तार, अमन रहमान अत्तार, मोहम्मद सरताज अली जमादार, तरबेज मुख्तार कुरेशी, दानिश सिराज मोमिन, तौकीर मोहम्मद मतीन जमादार, अदनान मोहम्मद, जावेद शेख, मोहम्मद साबिर रिजवान अली सैयद, इरफान तहजान मंडल, अजहर सिराज मोमिन, अतीक वसीम इनामदार, उजेफ वसीम इनामदार, आसिफ खान, जिया अहमद इम्तियाज जमादार, रेहान रिजवान इनामदार, शाहबाज अली इनामदार, सकलैन सरफराज इनामदार, और मोहम्मद फ़ज़ल शेख सहित कई पर हमले का आरोप लगाया गया था।
मंचर पुलिस शुरू में नहीं करना चाहती थी FIR दर्ज
मंचर पुलिस स्टेशन में तैनात एपीआई बलवंत मांडगे ने शुरू में सोमवार (2 अक्टूबर, 2023) को आरोपितों के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया। उन्होंने साफ तौर से सूरज की माँ के अनुरोध को यह कहते हुए नजरअंदाज कर दिया कि गणपति विसर्जन के मौके पर हुई हाथापाई का उसी दिन निपटारा कर दिया गया था। जब ऑपइंडिया ने पुलिस स्टेशन से इस बारे में जानना चाहा कि एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई, तो वहाँ के पुलिसकर्मियों ने कहा कि अधिकारी ही इस बारे में साफ बता पाएँगे।
हालाँकि, इस मामले में यह बात पूरी तरह से नजरअंदाज कर दी गई कि कथित समझौते के एक दिन बाद कैसे इस हमले को अंजाम दिया गया। यही वजह रही कि 3 अक्टूबर को हिंदू कार्यकर्ता सूरज को लेकर थाने पहुँचे थे। वहीं हिंदू कार्यकर्ताओं के पुलिस स्टेशन पहुँने पर शहर के कई मुस्लिम नेताओं को भी बुलाया गया। इस वजह से पुलिस स्टेशन में लोगों की एक अच्छी खासी भीड़ जमा हो गई थी।
दोनों पक्षों की बात सुनकर पुलिस ने राय दी कि अगर वे केस दर्ज करना चाहते हैं तो वो दोनों पक्षों का केस लेंगे। इसके जवाब में हिंदू कार्यकर्ताओं ने अधिकारियों को समझाया कि दोनों घटनाएँ अलग-अलग थीं। हिंदू कार्यकर्ता पर हमले की बाद की घटना जानबूझकर हिंसा भड़काने और पीड़ित और उसके परिवार को धमकी देने के लिए की गई थी जो कि पूरी तरह से एक अलग मामला है।
हमलावरों ने बगैर शर्त माँगी माफी
इस दौरान पुणे ग्रामीण पुलिस के डीएसपी सुदर्शन पाटिल भी पुलिस स्टेशन में मौजूद थे। उन्होंने सभी लोगों को एक तरफ इंतजार करने को कहा। इसके बाद डीएसपी पाटिल ने मुस्लिम पक्ष के एक सदस्य और सूरज चक्रधर धरम से अलग-अलग पूरा मामला सुना। इस वक्त तक मुस्लिम पक्ष के लोग भी इस बात से सहमत थे कि दूसरे दिन का हमला पहले की घटना के शांत होने के बाद हुआ था। इस मामले में हमलावरों ने हिन्दू परिवार से बेशर्त माफ़ी माँगी थी।
मंचर में हिंदू कार्यकर्ता ने ऑपइंडिया को क्या बताया?
ऑपइंडिया ने इस बारे में विहिप के पुणे जिले के संचार प्रमुख गणेश राउत से बात की। उन्होंने बताया, “3 दिन पहले ही स्थानीय मुस्लिम समुदाय के कुछ असामाजिक तत्वों ने हमारे साथी बजरंग दल कार्यकर्ता सूरज धरम और संतोष धरम के घर पर उनकी गैरमौजूदगी में रात में कायरतापूर्ण हमला किया। हमलावरों ने उसके परिजनों को धमकाया।” राउत ने बताया कि विहिप और बजरंग दल ने इस हमले के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। इसके साथ ही पीड़ित संग पुलिस स्टेशन जाकर सभी आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की।
गणेश राउत ने आगे कहा, “इसके बाद दोनों पक्षों के नेताओं को पुलिस स्टेशन बुलाया गया। हमने पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में यह बात लाई कि गणपति विसर्जन के दौरान झड़प की घटना को तुरंत सुलझा लिया गया था, लेकिन इसके एक दिन बाद का यह हमला हिंसा भड़काने की जानबूझकर की गई एक कोशिश थी। अधिकारियों ने भी इस बात को माना। आपराधिक मानसिकता वाले मुस्लिम समुदाय के अपराधियों को पुलिस अधिकारियों ने सख्त चेतावनी दी और मामले के नतीजों को देखते उन्होंने पीड़ित परिवार से बगैर शर्त माफी माँग ली।”
गणेश राउत ने कहा, “पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में पुलिस स्टेशन में लंबे टकराव के बाद आपसी समझ का यह कदम उठाया गया, जिन्होंने स्थिति को शांत कराने में मदद की। आरोपितों ने यह भी आश्वासन दिया कि सूरज के परिवार के किसी भी सदस्य को नुकसान नहीं पहुँचाया जाएगा और हिंदू कार्यकर्ता के खिलाफ कोई भी गैरकानूनी गतिविधि या हमला उनके द्वारा नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने 29 सितंबर की रात को हुई घटना के लिए लिखित माफी भी माँगी है।
उन्होंने आगे कहा, “इस घटना के जरिए विहिप और बजरंग दल आश्वस्त करते हैं कि हम अपने किसी भी हिंदू कार्यकर्ता भाई-बहन को संकट की ऐसी स्थिति में अकेला नहीं छोड़ेंगे। इस मकसद से हमने सक्रिय तौर से इस मामले को आगे बढ़ाया और समाधान होने तक पुलिस स्टेशन में रहे। हमने मामला दर्ज करने पर जोर दिया, लेकिन बाद में मुस्लिम पक्ष ने माफी माँग ली।”
राउत ने यह भी कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि सभी समुदायों को इस शांति और सद्भाव को बनाए रखने के लिए समान जिम्मेदारी लेनी चाहिए। यदि ऐसी कोई घटना दोहराई जाती है, तो हम इसका ऐसा जवाब देंगे कि हमलावर बेहतर तरीके से समझ सके। इस घटना के लगातार फॉलो-अप और इसे उस स्तर तक ले जाने के लिए जहाँ इसे सुना जा सके, के लिए हम ऑपइंडिया के आभारी हैं। यह एक ऐसा समर्थन है जिसकी हम इन मुद्दों पर सारी मीडिया से अपेक्षा करते हैं जहाँ वास्तव में हमें ऐसी गैरजरूरी परेशानियों को सामना करना पड़ता हैं।”
उन्होंने कहा, “इस घटना में एक और पीड़ित था जिसे मुस्लिमों ने निशाना बनाया था, लेकिन अपने स्थानीय कारोबार को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने शिकायत दर्ज न कराने का विकल्प चुना। हमारे युवा कार्यकर्ता सूरज चक्रधर धरम मुस्लिम बहुल इलाके में रहते हैं। वह हमारे साथी कार्यकर्ता हैं जो कूरियर डिलीवरी के काम से अपना परिवार पालते हैं। वो होम डिलीवरी के लिए शहर के कई घरों में जाते हैं। उनके विनम्र स्वभाव की वजह से स्थानीय समाज में उनके सबसे मधुर रिश्ते हैं। इसके साथ ही वह धर्म की स्थापना के लिए कई तरह के काम भी करते हैं। वो एक मुखर कार्यकर्ता हैं जो गौरक्षा के लिए काम करते हैं और लव जिहाद जैसी सामाजिक समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाते हैं।”
गणेश राउत ने आगे बताया, “सूरज हमारे स्थानीय संगठन का एक अहम सदस्य हैं। उनकी माँ और परिवार के अन्य सदस्यों को गुंडों ने धमकी दी थी। उन्होंने किसी दुश्मनी के वजह से नहीं बल्कि सूरज और उसके परिवार की सुरक्षा की माँग के लिए शिकायत दर्ज करवाई थी। सूरज अनुसूचित जाति से आते हैं। शायद हमलावरों ने सोचा होगा कि कोई उनकी परवाह नहीं करेगा, लेकिन यहाँ ऐसा बिल्कुल नहीं है। मंचर का पूरा हिंदू समाज सूरज के साथ है। हम सभी पुलिस स्टेशन गए अपनी फिक्र के बारे में बताया और आखिरकार मुस्लिम पक्ष ने माफी माँगी।”
मुद्दा क्या था?
महाराष्ट्र के पुणे शहर के पास मंचर में शुक्रवार 29 सितंबर को मुस्लिमों की भीड़ ने बजरंग दल के एक कार्यकर्ता के घर पर हमला किया। पीड़ित हिंदू कार्यकर्ता की पहचान सूरज चक्रधर धरम के रूप में की गई। मुस्लिम ने पीड़ित के घर पर हमला किया और घर की महिला सदस्यों के साथ बदसलूकी की। गणपति विसर्जन के दौरान कथित तौर पर मौलाना की कार रोकने पर भीड़ ने सूरज के घर पर हमला किया था।
हालाँकि, सूरज ने उस घटना का वीडियो बनाया था। जिसमें साफ दिख रहा था कि सभी ने मौलाना के वाहन को रास्ता दिया था। सूरज की शिकायत पर पुलिस ने जाँच नहीं की। सूरज ने ऑपइंडिया को बताया कि वह कट्टरपंथियों के निशाने पर थे, क्योंकि वह गौ रक्षा और लव जिहाद के खिलाफ मुखर रहे हैं। यह मामला पुणे के अंबेगांव क्षेत्र के मंचर पुलिस स्टेशन क्षेत्र का है। सूरज की माँ ने सोमवार, 2 अक्टूबर, 2023 को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। शिकायत के मुताबिक, 29 सितंबर को उनके आवास पर 150 से 200 मुसलमानों की भीड़ जमा हुई।
जब गुस्साई भीड़ सूरज चक्रधर के घर पर पहुँची थी, उस वक्त संयोग से सूरज घर पर नहीं थे। सूरज के न मिलने पर भीड़ ने उनके घर में मौजूद महिलाओं के साथ मारपीट शुरू कर दी। सूरज की माँ ने बताया कि घटना के दौरान मुस्लिम भीड़ ने उनके घर पर पथराव भी किया। उन्होंने दरवाजे तोड़ दिए और घर की महिलाओं को भी नहीं बख्शा। इस शिकायत की एक कॉपी ऑपइंडिया के पास है। इसके अलावा भीड़ ने पूछा कि क्या सूरज बजरंग दल से जुड़ा था। यही नहीं सूरज की माँ से कहा गया, “वह जहाँ भी मिलेगा, उसके हाथ-पैर तोड़ दिए जाएँगे।” ये वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया है।
Mob including hundreds of Islamists led by PFI members launched an attack on the residence of Hindu activist Suraj Dharam in Manchar, Pune, Maharashtra.
Attackers have been identified as Riyaz Jamadar, Israr Pathan, Azam Momin, Qayyum Pathan among others. pic.twitter.com/Qn81NPovTS
— Subhi Vishwakarma (@subhi_karma) October 3, 2023
सूरज की माँ ने पुलिस से सुरक्षा का अनुरोध करते हुए दावा किया था कि उनके पूरे परिवार को खतरा है। साथ ही उन्होंने घटना के सीसीटीवी और वीडियो फुटेज की समीक्षा के बाद उम्मीद जताई कि सभी अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि पुणे जिले का मंचर से मई 2023 में लव जिहाद के कई चौंकाने वाले मामले सामने आए थे। यहाँ 20 मई, 2023 को महाराष्ट्र पुलिस ने एक एफआईआर दर्ज की थी। आरोपितों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 363 (अपहरण) और 376 (बलात्कार) और POCSO अधिनियम की धारा 4, 6, 8, 10 के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके तहत 22 साल के जावेद शेख को महाराष्ट्र के पुणे के मंचर शहर में एक नाबालिग हिंदू लड़की का अपहरण करने, उसका यौन उत्पीड़न करने और फिर उससे जबरदस्ती निकाह करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पीड़िता अपहरण और बलात्कार के वक्त महज 16 साल की थी। इस घटना की पूरी रिपोर्ट यहाँ पढ़ी जा सकती है।