मणिपुर के हालात मौजूदा समय में पाकिस्तान से भी ज्यादा बुरे देखने को मिल रहे हैं. जहां एक ओर कंगाली और कोहराम के दौर में पाकिस्तान ने फ्यूल के दाम में 15 दिनों में दूसरी बार कटौती की है. वहीं दूसरी ओर मणिपुर में पेट्रोल के दाम तीन महंगे हो गए हैं. वास्तव में मणिपुर में जातीय संघर्ष की वजह से हालात काफी बिगड़ गए हैं. पानी पांच गुना महंगा हो गया है. कई लोगों को दूसरे राज्यों में शरणार्थियों के तौर पर शरण लेनी पड़ी है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मणिपुर के हालात मौजूदा समय में पाकिस्तान से ज्यादा बुरे कैसे हो गए हैं.
जातीय संघर्ष की वजह से प्रदेश में सबसे ज्यादा असर फ्यूल की कीमत में देखने को मिल रहा है. मौजूदा समय में पेट्रोल के दाम 7वें आसमान पर पहुंच गए हैं. आईओसीएल की वेबसाइट के अनुसार पेट्रोल की कीमत 101.23 रुपये है जो ब्लैक मार्केट में 200 से लेकर सारे 300 रुपये प्रति लीटर बेचा जा रहा है. वहीं डीजल के दाम भी ब्लैक मार्केट में 200 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा हो गए हैं. जबकि आईओसीएल की वेबसाइट के अनुसार दाम 87.17 रुपये प्रति लीटर देखने को मिल रहा है.
वहीं दूसरी ओर पानी के दाम तो और भी ज्यादा महंगे हो गए हैं. मणिपुर की राजधानी इंफाल समेत कई शहरों में पानी की सप्लाई बंद हो गई है. जिसकी वजह से लोगों को पीने के पानी के लिए मिनरल वॉटर पैक्ड बॉटल पर डिपेंड होना पड़ रहा है, लेकिन संघर्ष की वजह से सप्लाई कम और डिमांड ज्यादा होने के कारण पानी की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है. यही पानी की बोतल पहले 20 रुपये की मिल रही थी.
मणिपुर के एक सीनियर डॉक्टर एएस सिंह के मुताबिक शहरों में लोगों की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है. अभी भी कई रास्तों पर अलग-अलग संगठन के लोग कब्जा कर के बैठे हुए हैं. पेट्रोल पंप डीलर सिटी दोश के मुताबिक पिछले 15 दिनों से फ्यूल टैंकर्स की आवाजाही काफी कम हो गई है. वैसे तो हम सरकारी दाम पर ही पेट्रोल और डीजल बेच रहे हैं, लेकिन शहर के अंदरूनी हिस्सों में मौजूद पेट्रोल पंप ब्लैक मार्केटिंग कर रहे हैं. जिसकी वजह से आम लोगों की जेब पर ज्यादा इंपैक्ट पड़ रहा है.
वहीं दूसरी ओर मणिपुर की समस्या को देखते हुए गृह मंत्रालय रोज समीक्षा कर रहा है कि रोज आम लोगों की जुड़े सामान पहुंच पा रहे हैं या नहीं. गृहमंत्री खुद रोज वहां के अधिकारी और मुख्यमंत्री से चर्चा कर रहे हैं और केंद्र की ओर से सहायता पहुंचा रहे हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को वहां के मुख्यमंत्री को डायरेक्शन दिया है कि दोनों समुदायों के बीच बैठक करें तो मसले को सुलझाएं. गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को कहा है कि हताहत लोगों को तुरंत दूसरी जगह पहुंचाने की व्यवस्था की है और इसके लिए केंद्र हर प्रकार की सहायता कर रहा है.