मणिपुर में कुकी-जोमी समुदाय की दो महिलाओं को नग्न अवस्था में परेड कराने का वीडियो सामने आने के बाद पूरे देश में रोष का माहौल है. यह वीडियो 4 मई का है, जो बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. विपक्ष ने इसे लेकर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
मोदी सरकार मॉनसून सत्र में इस पर चर्चा के लिए राजी हो गई है. एक्टर्स से लेकर आम जनता भी सोशल मीडिया पर इस घटना की जमकर आलोचना कर रही है. इसमें कोई शक नहीं कि मणिपुर की घटना मानवता पर बदनुमा दाग है, जिसकी छाप कभी मिट नहीं पाएगी. लेकिन सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स पूछ रहे हैं कि क्या बंगाल हिंसा, राजस्थान में परिवार को जिंदा जलाने और झारखंड में महिला को निर्वस्त्र घुमाने जैसी घटनाओं की चीखें न्यायपालिका के कानों तक नहीं पहुंच रही हैं.
यूजर्स ने कहा है कि बंगाल हिंसा के दौरान महिलाओं के साथ गैंगरेप की घटनाएं सामने आईं. कितने परिवार काल की भेंट चढ़ गए. राजस्थान में एक परिवार के कई लोगों को जिंदा जला दिया गया. तब सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान नहीं लिया. सिर्फ मणिपुर की घटना को लेकर ही न्यायपालिका संजीदा क्यों है. इसी को लेकर ट्विटर पर #LivesMatterinAllStates ट्रेंड कर रहा है.
क्या बोले यूजर्स
@iAnkurSingh नाम के ट्विटर हैंडल से ट्वीट में कहा गया कि बीते दिनों बंगाल में हुए पंचायत चुनाव में 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. मणिपुर की घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह स्वत: संज्ञान लेगा. लेकिन क्या बंगाल पंचायत चुनाव हिंसा पर उसे यह महसूस नहीं हुआ कि स्वत: संज्ञान लेना चाहिए. जबकि मृतकों का यह आंकड़ा दिल्ली दंगों से भी ज्यादा है.
@thephukdi नाम के ट्विटर हैंडल ने लिखा, ‘मणिपुर में तबाही हाई कोर्ट के एक आदेश का नतीजा है. हाई कोर्ट के एक आदेश के कारण मणिपुर जल रहा है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उस पर कोई सवाल नहीं उठाया. जब अदालतों को लगता है कि वे आम आदमी से ज्यादा हिंसा के बारे में जानते हैं, तब ऐसी स्थिति आती है. कोर्ट के इस सिलेक्टिव रवैये से लोगों का न्याय व्यवस्था से भरोसा उठा जाएगा.’
ट्विटर यूजर ने आगे लिखा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने तब दखल नहीं दिया, जब बंगाल में महिलाओं के साथ रेप किया गया और लोगों को जिंदा जला दिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने तब दखल नहीं दिया, जब राजस्थान में नवजात समेत पूरे परिवार को जिंदा जला दिया गया था.’
@alok_bhatt नाम के हैंडल ने भी कोर्ट के रवैये पर सवाल खड़े किए हैं. यूजर ने लिखा, ‘राजस्थान में कल 6 महीने की बच्ची को परिवार समेत जिंदा जला दिया गया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट खामोश है. इन पीड़ितों की चीखें सबसे बड़ी अदालत के कानों में नहीं पहुंच रही हैं.
‘अपराधियों को मिले मौत की सजा’
@Abhishekkkk10 ने लिखा, मणिपुर में जो हुआ, वो तर्कसंगत नहीं है. अपराधियों को मौत की सजा दी जानी चाहिए. लेकिन हमें राजस्थान और बंगाल हिंसा को नहीं भूलना चाहिए. मैं उनकी तुलना नहीं कर रहा. लेकिन चयनात्मक गुस्से को देख थक चुका हूं.
@Gujju_Er नाम के ट्विटर हैंडल से दो तस्वीरें ट्वीट की गईं. एक में लिखा है कि बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ता की पत्नी के साथ टीएमसी कार्यकर्ताओं ने किया गैंगरेप, 2 गिरफ्तार. नीचे तस्वीर में सुप्रीम कोर्ट के हवाले से लिखा है कि अगर मणिपुर पर सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया, तो हम लेंगे.
झारखंड में महिला से दरिंदगी
@SocialTamasha ने झारखंड में एक महिला के साथ हुई दरिंदगी को लेकर सवाल उठाए. उसने लिखा, अगर मणिपुर की घटना पर कोर्ट को गुस्सा आ रहा है तो झारखंड पर चुप्पी क्यों? दरअसल झारखंड में एक महिलाए को निर्वस्त्र कर पूरे गांव में घुमाया गया और जूते-चप्पलों से पीटा.
मणिपुर हिंसा में मैतेई हिंदुओं की हत्याओं का घटनाक्रम भी भुलाया जा रहा है यह भी सामने आ रहा है.
ये जले हुए शव मैतेई हिंदुओं के हैं।
ये वीडियो मणिपुर के Sugnu-Serou का बताया जा रहा है।
जहां कुकी उन्मादियों ने जून के मध्य में हमला कर पूरे गांव को जलाकर राख कर दिया था।#ManipurViolence #Manipur_Violence #Manipur @NBirenSingh @PIBImphal pic.twitter.com/cpXdaUrfy5
— One India News (@oneindianewscom) July 20, 2023