ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ मंदिर में अनाधिकृत रूप से प्रवेश करने के आरोप में पुलिस ने नौ बांग्लादेशियों को हिरासत में लिया है. एक अधिकारी ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद के कुछ कार्यकर्ताओं ने शिकायत की थी कि कई बांग्लादेशी गैर-हिंदू नियमों का उल्लंघन कर 12वीं सदी के मंदिर में प्रवेश कर गए. इसके बाद रविवार शाम को उन्हें हिरासत में ले लिया गया.
आरोपियों के खिलाफ सिंहद्वार पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करवाया गया है. पुरी के एडिशनल एसपी सुशील मिश्रा ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और पूछताछ के लिए पर्यटकों को हिरासत में ले लिया. एएसपी ने कहा, ‘हमें शिकायत मिली है कि बांग्लादेश से कुछ गैर-हिंदू लोग मंदिर में प्रवेश कर गए हैं, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘हमने नौ बांग्लादेशियों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ शुरू कर दी है.
मंदिर के नियमों के अनुसार, केवल हिंदुओं को ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति है. एएसपी मिश्रा ने कहा, अगर वे गैर-हिंदू पाए गए तो उनके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.
अधिकारी ने कहा, ‘हम उनके पासपोर्ट का सत्यापन कर रहे हैं, पता चला कि उनमें से एक हिंदू है. हम अन्य लोगों के पासपोर्ट की भी जांच कर रहे हैं. शुरुआती जांच से पता चलता है कि नौ में से चार लोगों ने मंदिर में प्रवेश किया था.
क्या हैं मंदिर के नियम?
जगन्नाथ मंदिर देश के उन धामों में से एक है, जहां लाखों-करोड़ों लोग दर्शन के लिए पहुंचते हैं. मान्यता है कि भगवान विष्णु यहां जगन्नाथ के रूप में विराजमान हैं. इस मंदिर में पिछले कई दशकों से सिर्फ हिंदुओं को ही पूजा करने की अनुमति है. गैर हिंदू इस मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकते हैं. यहां तक कि विदेशी पर्यटकों के लिए भी एंट्री बैन है. मंदिर के इस नियम को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं. कुछ सेवादारों का कहना है कि मंदिर के निर्माण के वक्त से ही ये नियम बनाए गए थे. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि मुस्लिम शासकों के हमलों के बाद मंदिर में गैर हिंदूओं की एंट्री को लेकर ये नियम बनाए गए.