ओडिशा के बोलांगीर जिले में जनजातीय युवती के साथ हुई इस अमानवीय घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना न केवल नारी गरिमा और मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है, बल्कि समाज में व्याप्त असमानता और जातीय भेदभाव को भी उजागर करती है।
घटना का विवरण:
- स्थान: जुराबांधा गाँव, बंगामुंडा थाना क्षेत्र, बोलांगीर।
- तारीख: 16 नवंबर 2023।
- आरोप: अभय बाग नामक गैर-जनजातीय युवक ने पीड़िता की फसल पर ट्रैक्टर चलाया।
- विरोध पर प्रतिक्रिया:
- युवती को पीटा गया और जमीन पर धक्का दिया गया।
- उसके मुंह पर मानव मल फेंका गया और मुंह में जबरदस्ती डाल दिया गया।
- बचाव के लिए आई एक अन्य महिला पर भी हमला किया गया।
- पीड़िता की स्थिति:
- पीड़िता अनाथ है और अपनी छोटी बहन के साथ रहती है।
- वह मेहनत-मजदूरी और खेती से अपनी आजीविका चलाती है।
प्रशासन और समाज की प्रतिक्रिया:
- FIR दर्ज: पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
- आरोपी फरार: पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है।
- जनजातीय समाज का आक्रोश: घटना के बाद जनजातीय समुदाय में रोष है, और वे न्याय की मांग कर रहे हैं।
संवैधानिक और कानूनी दृष्टिकोण:
- यह घटना अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत दर्ज होनी चाहिए, जो जनजातीय समुदाय के सदस्यों के साथ किसी भी प्रकार के उत्पीड़न और अमानवीय व्यवहार को रोकने के लिए बनाया गया है।
- आरोपी पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं, जैसे:
- धारा 323: मारपीट के लिए।
- धारा 354: महिला की गरिमा को भंग करने के लिए।
- धारा 504: अपमानित करने के लिए।
- धारा 506: धमकी देने के लिए, के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।
आवश्यक कदम:
- त्वरित कार्रवाई: आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए।
- पीड़िता को सुरक्षा: पीड़िता और उसकी बहन की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाएं।
- मुआवजा और पुनर्वास: राज्य सरकार को पीड़िता को उचित मुआवजा और कानूनी सहायता देनी चाहिए।
- सामाजिक जागरूकता: जातीय और लैंगिक भेदभाव के खिलाफ स्थानीय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जाएं।
समाज के लिए संदेश:
यह घटना हमारे समाज में व्याप्त भेदभाव और अमानवीयता की गहरी समस्या को दर्शाती है। इसे केवल कानून-व्यवस्था का मुद्दा मानकर छोड़ देना पर्याप्त नहीं होगा। इसे बदलने के लिए सामाजिक जागरूकता, शिक्षा और संवेदनशीलता को बढ़ावा देना होगा।
जनजातीय समाज ने पुलिस में इस मामले में FIR दर्ज करवाई है। अभय बाग़ पर SC-ST एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ है। इसे जनजातीय समुदाय का अपमान करार दिया गया है। पुलिस ने अभय बाग़ की तलाश जारी कर दी है। बाग़ इस घटना को अंजाम देने के बाद से फरार है। दो पुलिस टीम उसकी तलाश के लिए भेजी गई है।
जनजातीय समाज इस मामले में अब बड़े प्रदर्शन की चेतावनी दे रहा हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस मामले में 4 दिन हो जाने के बाद भी खाली हाथ है।