ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक आज यानी बुधवार को पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर की श्री मंदिर परिक्रमा यानी जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे. इस कॉरिडोर को 943 करोड़ की लागत से बनाया गया है. उद्घाटन के बाद इस कॉरिडोर को जनता के लिए खोल दिया जाएगा. इस कार्यक्रम में भारत और विदेश से श्रद्धालु आएंगे. ओडिशा सरकार का यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है. इसका उद्देश्य पुरी को विश्व स्तरीय पर्यटन केंद्र बनाना है.
10 पॉइंट्स में जानें इस प्रोजेक्ट के बारे में…
- मुख्यमंत्री नवीन पटनायक आज जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे. पुरी जगन्नाथ मंदिर के संरक्षक और पुरी गजपति दिव्यसिंह देव इस समारोह में अहम भूमिका अदा करेंगे.
- ओडिशा सरकार ने उद्घाटन समारोह के लिए चारों शंकराचार्यों सहित भारत और नेपाल के 1000 मंदिर के प्रमुखों को इनवाइट किया है. मंदिर प्रशासन ने नेपाल के राजा को भी निमंत्रण भेजा है.
- इस प्रोजेक्ट में मंदिर से लगे बाहरी दीवार (मेघनाद पचेरी) के चारों ओर 75 मीटर चौड़ा गलियारा, ग्रीन बफर जोन, पैदल चलने वालों के लिए परिक्रमा, 6000 भक्तों के लिए रिसेप्शन सेंटर, कल्चरल सेंटर केंद्र, लाइब्रेरी, जगन्नाथ बल्लव तीर्थ सेंटर, मल्टी लेवल कार पार्किंग शामिल हैं.
- मंदिर के चारों ओर दो किलोमीटर में श्रीमंदिर परिक्रमा पथ का निर्माण किया गया है. यहां से श्रद्धालु मंदिर का सीधे दर्शन कर सकेंगे. 943 करोड़ रुपए में बनाए गए इस प्रोजेक्ट का मकसद 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल करना है.
- श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने कहा है कि इस जगन्नाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट के उद्घाटन समारोह के बाद अगले एक हफ्ते तक डेली करीब 5 लाख लोगों के आने की उम्मीद है.
- हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना के उद्घाटन के लिए फोर लेयर की सुरक्षा होगी. पुलिस फोर्स की 80 प्लाटून तैनात की जाएंगी. करीब 100 पर्यवेक्षक अधिकारी, 250 सब इंसपेक्टर और एएसआई के अधिकारी भी सुरक्षा ड्यूटी में लगाए जाएंगे.
- पटनायक सरकार ने पुरी मंदिर के साथ ही भुवनेश्वर के एक हजार साल से ज्यादा पुराने लिंगराज मंदिर को भी हैरिटेज कोरिडोर बनाने का फैसला किया है. इसकी लागत करीब 700 करोड़ रुपए है.
- दिसंबर 2019 में इस प्रोजेक्ट को बनाने का ऐलान किया गया था. नवंबर 2021 में इसकी आधारशीला रखी गई थी. जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर प्रोजेक्ट के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए पिछले कई दिनों से कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.
- वहीं, आज नवीन बीजू जनता दल ने पुरी में पदयात्रा का आयोजन किया है. इस पदयात्रा में हजारों लोग शामिल होंगे. इसके बाद उद्घाटन के बाद 10 हजार भक्त ओडिशा के 147 विधानसभा जाएंगे और इसके बारे में लोगों को जागरूक करेंगे.
अंतर प्रदक्षिणा/भीतरी परिक्रमा पथ (10 मीटर): इस हिस्से में भगवान जगन्नाथ की झांकियां निकाली जाएंगी और श्रद्धालु श्री मंदिर कॉम्पलेक्स की परिक्रमा कर सकेंगे।
लैंडस्केप जोन (14 मीटर): इसमें गार्डन होंगे, जिन्हें लोकल गार्डनिंग प्रैक्टिसिस के आधार पर डिजाइन किया गया है। जगन्नाथ संस्कृति में इस्तेमाल होने वाले पेड़ों और झाड़ियों की लोकल वैराइटी लगाई गई है।
बाह्य प्रदक्षिणा/बाहरी परिक्रमा पथ (8 मीटर): ये दोनों तरफ से पेड़ों से घिरा प्रदक्षिणा पथ है। इस पर श्रद्धालु वृक्षों की छांव में प्रदक्षिणा कर सकेंगे।
पब्लिक कन्वीनिएंस जोन (10 मीटर): पेड़-पौधों के अलावा, इस जोन में रेस्टरूम, पीने का पानी, जानकारी व डोनेशन के कियॉस्क और आराम करने के लिए शेल्टर पविलियन रहेंगे।
सर्विस लेन (4.5 मीटर): ये लेन मंदिर के सर्विस व्हीकल के लिए बनाई गई है। यहीं से कॉरिडोर का मेंनटेनेंस होगा।
इमरजेंसी लेन (4.5 मीटर): किसी तरह की इमरजेंसी या आपदा के मैनेजमेंट के लिए शटल बस और इमरजेंसी व्हीकल के लिए ये सड़क बनाई गई है।
मिक्स्ड ट्रैफिक लेन (7.5 मीटर): हेरिटेज कॉरिडोर के चारों तरफ गाड़ियों के मूवमेंट में मदद करने के लिए ये लेन बनाई गई है।
फुटपाथ (7 मीटर): यहां पैदल चलने वाले श्रद्धालुओं के लिए रोड होगी। इसमें सेवकों और मंदिर प्राधिकरण के अधिकारियों के लिए पार्किंग की जगह भी रहेगी।
ओडिशा के राजाओं ने मंदिर को कई लाख तोला सोना दान दिया था
1238 तक ओडिशा क्षेत्र के राजा रहे अनंगभिमा देव ने इस मंदिर को सवा लाख तोला से ज्यादा सोना दान में दिया था। इसके अलावा 1465 ईस्वी में राजा कपिलेंद्र देव ने भी इस मंदिर को काफी सोना दान में दिया था।
1952 में एक कानून बना जिसके तहत मंदिर की सारी संपत्ति की एक लिस्ट तैयार की गई। इस लिस्ट को पुरी कलेक्टर के ट्रेजरी रूम में रखा गया। इस समय सोना-चांदी से बने कुल 837 आइटम मंदिर के खजाने में रखे गए थे। इनमें से 150 तरह की ज्वेलरी रत्न भंडार के बाहरी कक्ष में रखी हुई है।
ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए नए साल से ड्रेस कोड अनिवार्य कर दिया गया है। मंदिर प्रशासन के मुताबिक, नए साल 2024 के पहले दिन से मंदिर परिसर में पान-गुटखा खाने और प्लास्टिक प्रोडक्ट्स यूज करने पर बैन लगा दिया गया है।
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (SJTA) के अधिकारी ने कहा हाफ पैंट, शॉर्ट्स, फटी जींस, स्कर्ट और स्लीवलेस ड्रेस पहनने वाले भक्तों को मंदिर में एंट्री नहीं दी जाएगी। मंदिर प्रशासन ने 9 अक्टूबर को ही ड्रेस कोड संबंधी आदेश जारी कर दिया था जिसमें इसे लागू करने की तारीख 1 जनवरी बताई गई थी।