प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में भुवनेश्वर में आयोजित 59वें डीजीपी/आईजीपी सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को लेकर महत्वपूर्ण चर्चाएं हो रही हैं।
मुख्य बिंदु:
गृह मंत्री अमित शाह के विचार:
- पूर्वी सीमा पर उभरती सुरक्षा चुनौतियाँ:
- बांग्लादेश में अस्थिरता और हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों पर हमलों को लेकर चिंता।
- आव्रजन के मुद्दे और सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ती चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता।
- पूर्वोत्तर में सुरक्षा स्थिति में सुधार की सराहना।
- तीन नए आपराधिक कानूनों की सराहना:
- भारतीय न्याय प्रणाली को “दंड-उन्मुख” से “न्याय-उन्मुख” बनाने की दिशा में कदम।
- नए कानूनों को भारतीय परंपरा और मूल्यों के अनुरूप बताया।
- आतंकवाद के खिलाफ सख्ती:
- आतंकवाद के प्रति “जीरो टॉलरेंस” की नीति को और मजबूत बनाने पर जोर।
- वामपंथी उग्रवाद और अन्य उभरती राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा।
- पुलिस तंत्र को मजबूत बनाना:
- प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, आधुनिक पुलिस तंत्र के विकास पर जोर।
- राज्यों के बीच ज्ञान-साझाकरण और सहयोग से पुलिस व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की अपील।
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार और रविवार को सम्मेलन के दूसरे और तीसरे दिन की चर्चाओं की अध्यक्षता करेंगे। उनके सत्रों में संभवतः निम्नलिखित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा:
- साइबर सुरक्षा: डिजिटल युग में उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीतियाँ।
- राष्ट्रीय समन्वय: राज्यों और केंद्र के बीच सुरक्षा और कानून-व्यवस्था से जुड़े मामलों में बेहतर तालमेल।
- पुलिस आधुनिकीकरण: नई तकनीकों, उपकरणों, और प्रशिक्षण के माध्यम से पुलिस बल को सशक्त करना।
सम्मेलन के प्रमुख उद्देश्य:
- राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों का समाधान:
आतंकवाद, उग्रवाद, और सीमावर्ती क्षेत्रों से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा। - पुलिस बलों के बीच सहयोग:
ज्ञान और अनुभव साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करना। - आधुनिक पुलिसिंग:
स्मार्ट तकनीकों और नए युग की चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीति बनाना।
यह सम्मेलन न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा पर केंद्रित है, बल्कि यह पुलिसिंग में सुधार और नागरिकों के प्रति पुलिस की जिम्मेदारी को और प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
भुवनेश्वर में आयोजित डीजीपी/आईजीपी सम्मेलन से जुड़े अपडेट्स में आपकी रुचि है। यदि आप किसी विशेष विषय, जैसे पूर्वी सीमा की सुरक्षा या पुलिसिंग में सुधार के उपायों पर अधिक जानकारी चाहते हैं, तो बताएं!
आंतरिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने पर चर्चा
प्रधानमंत्री ने अपने दौरे से पहले ‘एक्स’ पर सिलसिलेवार पोस्ट करते हुए कहा, ‘पूरे भारत के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इस (डीजीपी/आईजीपी) सम्मेलन में भाग लेंगे। भारत के आंतरिक सुरक्षा तंत्र को और मजबूत बनाने पर व्यापक विचार-विमर्श होगा। पुलिसिंग और सार्वजनिक सुरक्षा में सुधार से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी।’प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में लिखा, “आज दोपहर, मैं भुवनेश्वर में ओडिशा भाजपा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को भी संबोधित करूंगा। इस साल जून में सत्ता संभालने के बाद से, ओडिशा की भाजपा सरकार राज्य के विकास को बढ़ावा देने में आगे रही है। राज्य सरकार गरीबों और वंचित समुदायों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई उपाय कर रही है।”
Over the next two days, will be in Bhubaneswar for the DGP/IGP conference.
Senior police officers from all over India will take part in this conference. There will be extensive deliberations on enhancing India’s internal security apparatus. Different aspects relating to…
— Narendra Modi (@narendramodi) November 29, 2024
प्रधानमंत्री शनिवार और रविवार को डीजीपी सम्मेलन में शामिल होंगे।
अलग-अलग राज्यों में होता है यह सम्मेलन
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 29 नवंबर से 1 दिसंबर, 2024 तक आयोजित होने वाले सम्मेलन में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, तटीय सुरक्षा और नए आपराधिक कानूनों समेत राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने 2014 से देश भर में आयोजित होने वाले वार्षिक डीजीपी/आईजीपी सम्मेलन को प्रोत्साहित किया है। इससे पहले गुवाहाटी (असम), कच्छ के रण (गुजरात), हैदराबाद (तेलंगाना), टेकनपुर (ग्वालियर, मध्य प्रदेश), स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (केवड़िया, गुजरात), पुणे (महाराष्ट्र), लखनऊ (उत्तर प्रदेश), नई दिल्ली और जयपुर (राजस्थान) में सम्मेलन का आयोजन किया जा चुका है।