ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों की टक्कर (Odisha Balasore Train Accident) 260 से अधिक लोगों की मौत हो गई है, जबकि लगभग 1000 लोग घायल हो गए हैं। अनुग्रह राशि के तौर पर रेलवे की ओर से हर मृतक के परिवार को 10 लाख रुपए और पीएमएनआरएफ फंड से 2 लाख रुपए दिए जाएँगे।
वहीं, गंभीर रूप से घायलों को रेलवे 2-2 लाख रुपए का मुआवजा देगा, जबकि मामूली रूप से घायलों को 50,000 रुपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी। वहीं, पीएमएनआरएफ की तरफ से सभी घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। इससे अलग, ट्रेन यात्रा के दौरान होने वाले ट्रैवल इंश्योरेंस से भी परिजन सहायता राशि ले सकते हैं।
IRCTC की वेबसाइट या ऐप से टिकट बुक करने वाले यात्रियों को 35 पैसे में ट्रैवल इंश्योरेंस मिलता होता हैं। इस 35 पैसे में सारे टैक्स भी शामिल होते हैं और यात्रा के शुरुआती स्टेशन से लेकर यात्रा के अंतिम स्टेशन तक इसमें यात्री को कवरेज मिलता है। हालाँकि, बुकिंग के दौरान इस इंश्योरेंस को छोड़ने का भी विकल्प होता है।
अब जबकि ओडिशा के बालासोर में जो ट्रेन हादसा सामने आई है, उसमें 260 से अधिक लोगों की मौत हो गई है, जबकि लगभग 1000 लोग घायल हो गए हैं। ऐसे में ट्रैवल इंश्योरेंस का महत्व समझ में आता है। ट्रैवल इंश्योरेंस से पीड़ित परिवार का दुख तो कम नहीं होता, लेकिन इससे मिलने वाली रकम उनके अन्य कार्यों में सहायक साबित होती है।
यात्रा के दौरान हादसे में यात्री मौत हो जाती है तो उसके परिजनों को इंश्योरेंस कंपनी 10 लाख रुपए मुआवजा देती है। अगर यात्री पूरी तरह दिव्यांग हो जाता है तो भी उसे 10 लाख रुपए मिलेंगे। वहीं, आंशिक स्थायी दिव्यांगता पर यात्री को 7.5 लाख रुपए मुआवजा मिलता है, जबकि घायलों को अस्पताल के खर्चे के लिए 2 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाता है।
ट्रैवल इंश्योरेंस लेने वाले यात्री के साथ दुर्घटना होने पर मुआवजा के लिए कुछ शर्तें पूरी करनी होती है। मुआवजे का दावा वे यात्री या उनके परिजन ही करते हैं, जिन्होंने IRCTC की वेबसाइट या ऐप से टिकट बुक की है। ट्रैवल इंश्योरेंस की ये सुविधा केवल कंफर्म या आरएसी टिकट वाले यात्रियों को ही मिलेंगे। ट्रैवल इंश्योरेंस के लिए 5 साल से कम उम्र के बच्चे योग्य नहीं होते हैं।
IRCTC का फिलहाल तीन कंपनियों के साथ भागीदारी है। ये कंपनियाँ हैं- श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी और रॉयल सुंदरम जनरल इंश्योरेंस कंपनी। ऑनलाइन टिकट बुक करने और ट्रैवल इंश्योरेंस लेने पर इन्हीं में से किसी कंपनी का इंश्योरेंस मिलता है, जो यात्री के पंजीकृत मोबाइल और ईमेल पर आता है।
दुर्घटना के बाद, यात्री का जिस कंपनी का ट्रैवल इंश्योरेंस है, उस बीमा कंपनी के ऑफिस में जाकर आधार कार्ड, पैन कार्ड और पहचान प्रमाण सहित आवश्यक दस्तावेज देने पड़ते हैं। रेल दुर्घटना की तारीख से अगले चार महीने की अवधि के भीतर बीमा के लिए यात्री या उसके परिजन दावा कर सकते हैं।
जिस यात्री के लिए बीमा का दावा किया जा रहा है, उसका विवरण पहले से ही इंश्योरेंस कंपनी के पास होता है। बीमा का दावा करते समय सबसे महत्वपूर्ण मृत्यु अथवा अपंगता का प्रमाण जरूरी होता है। बीमा कंपनी को इसे भी देना जरूरी होता है।