पंजाब में नशे के खिलाफ चल रही मुहिम को संगरूर और तरनतारन में मिली हालिया बड़ी सफलताओं ने और गति दी है। इन कार्रवाइयों से यह स्पष्ट हो गया है कि ड्रग तस्करी के नेटवर्क में न केवल जेल के अंदरूनी लोग बल्कि पुलिस अधिकारी और अंतरराष्ट्रीय गिरोह तक शामिल हैं।
संगरूर जेल ड्रग रैकेट का पर्दाफाश
क्या हुआ?
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संगरूर जेल में तलाशी के दौरान मिले:
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9 मोबाइल फोन
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4 स्मार्टवॉच
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50 ग्राम अफीम
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अन्य प्रतिबंधित सामग्री
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मुख्य आरोपी और घटनाक्रम:
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चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की मिलीभगत से पूरा नेटवर्क उजागर हुआ।
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गुरविंदर उर्फ बाबा (कैदी) का संपर्क मनप्रीत सिंह (अमृतसर) से था।
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छापेमारी में मिला:
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4 किलो हेरोइन
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ग्लॉक पिस्तौल
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2 जिंदा कारतूस
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₹5.5 लाख नकद (ड्रग मनी)
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पुलिस अधिकारी भी शामिल
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डीएसपी जेल सुरक्षा गुरप्रीत सिंह ने:
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₹10 लाख की उगाही की
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मोबाइल, हेरोइन की तस्करी में हाथ
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UPI और नकद के ज़रिए लेन-देन
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अब तक 20 गिरफ्तार, आगे की जांच जारी
तरनतारन में अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का भंडाफोड़
📍 मुख्य बिंदु:
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अमरजोत सिंह उर्फ जोता नामक तस्कर चभल से गिरफ्तार
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5 किलो हेरोइन बरामद
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आरोपी के संपर्क विदेशी तस्करों से होने के प्रमाण मिले
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NDPS एक्ट के तहत केस दर्ज, गिरोह के पीछे की कड़ियाँ तलाशना जारी
इस कार्रवाई के मायने:
पहलू | विवरण |
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जेल में नेटवर्क | जेल कर्मचारी और अधिकारी तक संलिप्त |
मोबाइल की भूमिका | नेटवर्क का संचालन जेल के अंदर से |
अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन | पाकिस्तान या खाड़ी देशों से जुड़ाव की आशंका |
सरकार की नीति | “नशा मुक्त पंजाब” अभियान में तेज़ी |
कानूनी कार्रवाई | NDPS एक्ट के तहत मुकदमे, संपत्ति जब्ती संभव |
SSP संगरूर सरताज सिंह चहल का बयान:
“यह एक संगठित आपराधिक नेटवर्क है जो जेल के भीतर से संचालित हो रहा था। सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत हम इसे पूरी तरह खत्म करेंगे।”
पंजाब पुलिस की यह कार्रवाई केवल ड्रग्स की जब्ती नहीं है, बल्कि यह एक सिस्टम में घुसे भ्रष्ट तंत्र की सफाई की दिशा में बड़ा कदम है।