पाकिस्तान में ईसाइयों और चर्च पर गत दिनों हुए हमले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अमेरिका की कल कड़ी फटकार के बाद, अब पंजाब सूबे के मंत्री ने सार्वजनिक रूप से स्वीकारा है कि चर्च पर हमला एक सोची—समझी साजिश के तहत किया गया है। इस घटना के करीब सौ दोषियों को पकड़ा जा चुके हैं।
पाकिस्तान में हिन्दुओं और ईसाइयों को हमेशा से ही मजहबी उन्मादियों ने अपनी नफरती हिंसा का शिकार बनाया है। सिख समुदाय भी कट्टर मुस्लिमों के निशाना पर रहा है। फैसलाबाद में चर्च पर किया गया हमला कोई नई बात नहीं था, लेकिन यह दुनियाभर में एक बड़ी खबर बन गया है। सोशल मीडिया पर लोगों का आक्रोश उबल रहा है। पुलिस ने शायद इसी दबाव में उपद्रवी तत्वों की धरपकड़ शुरू की है। इलाके में धारा 144 लागू की गई है। सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पंजाब सूबे के सूचना मंत्री अमीर मीर ने एक टेलीविजन चैनल से बात करते हुए कहा कि चर्च पर हमला अचानक नहीं हुआ था, बल्कि पूरी योजना के तहत किया गया था। कुरान जलाने की अफवाह उड़ाकर सैकड़ों उपद्रवी चर्च फैसलाबाद के जरांवाला स्थित चर्च पर इकट्ठे हो गए और उन्होंने वहां तोड़फोड़ मचा दी। इतना ही नहीं, आगजनी करके चर्च की इमारत को काफी नुकसान पहुंचाया गया। चर्च के आसपास की ईसाई कालोनी को भी निशाना बनाया गया और बड़ी तादाद में घरों को तोड़ा गया, ईसाई लोगों के साथ मारपीट की गई।
सोशल मीडिया पर हमले की जानकारी और फोटो वायरल होने के बाद, पाकिस्तान की पुलिस हरकत में आई। आनन—फानन में अपराधियों की तलाश शुरू की गई और करीब सौ लोगों को गिरफ्तार किया गया।
पाकिस्तान के अंग्रेजी दैनिक डॉन में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, इलाके में परिस्थितियों को देखते हुए प्रशासन द्वारा एक सप्ताह के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है। पूरे पाकिस्तान में सुरक्षा को लेकर हाई अलर्ट की स्थिति है। पंजाब सरकार के प्रवक्ता के अधिकृत बयान के अनुसार, प्रांत की सरकार ने हिंसा और आगजनी की इस घटना की उच्च स्तरीय जांच के फरमान जारी किए हैं। मंत्री अमीर मीर ने भी इस मामले में कई लोगों के गिरफ्तार होने की पुष्टि की है। जियो न्यूज ने अमीर मीर को उद्धृत करके रिपोर्ट दी है कि अमीर मीर के अनुसार, हिंसा के पीछे जानबूझकर रची गई साजिश थी। जनता में नफरती भावनाएं भड़काकर इलाके की शांति भंग करने का मंसूबा रचा गया था। जियो न्यूज ने बताया कि फिलहाल फैसलाबाद में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। प्रशासन को हर उस इंसान को गिरफ्तार करने की छूट दी गई है कि जो शांति भंग करने की कोशिश करता दिखे। मंत्री के अनुसार, सभी चर्चों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जगह जगह सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
बताया गया है कि हिंसा से प्रभावित स्थानों पर 6,000 से ज्यादा पुलिसकर्मी और रेंजर्स को तैनात किया गया है। इधर ईसाई समुदाय के नेताओं ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि जब हिंसा और आगजनी की जा रही थी तब वह मूक दर्शक बनी हुई थी। चर्च ऑफ पाकिस्तान के अध्यक्ष बिशप आज़ाद मार्शल ने तो बयान जारी करके कहा है कि पाकिस्तान में ईसाइयों पर अत्याचार किए जा रहे हैं, उन पर दमन हो रहा है।