पंजाब में किसान आंदोलन तेज़, चंडीगढ़ कूच पर टकराव के आसार
पंजाब में भगवंत मान सरकार और किसान संगठनों के बीच टकराव गहराता जा रहा है। 30 से अधिक किसान संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर चंडीगढ़ की ओर कूच करने का ऐलान किया है। किसानों की प्रमुख मांगों में किसान नीति लागू करने और छह फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी शामिल है।
किसान आंदोलन की प्रमुख बातें:
- चंडीगढ़ में धरने का ऐलान: किसान संगठनों ने आज से चंडीगढ़ में अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने का फैसला किया है।
- कई किसान नेता हिरासत में: प्रदर्शन से पहले कई किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया है, जिससे किसानों में नाराजगी और बढ़ गई है।
- पंजाब भर में प्रोटेस्ट: मान सरकार के खिलाफ पूरे पंजाब में किसान संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
सरकार की तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था:
- प्रदर्शन रोकने की सख्त व्यवस्था: चंडीगढ़ पुलिस ने करीब 2500 पुलिसकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया है।
- चंडीगढ़ बॉर्डर पर सख्ती: शहर में प्रवेश करने वाले 12 महत्वपूर्ण स्थानों पर रूट डायवर्ट किए गए हैं।
- ट्रैफिक एडवाइजरी: आम जनता से डाइवर्ट किए गए रास्तों का पालन करने की अपील की गई है।
- पंजाब पुलिस के साथ समन्वय: चंडीगढ़ पुलिस लगातार पंजाब पुलिस के संपर्क में है ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके।
क्या किसान-सरकार के बीच बातचीत होगी?
फिलहाल, किसान संगठनों और सरकार के बीच कोई ठोस वार्ता का संकेत नहीं मिला है। हालांकि, यदि आंदोलन लंबा खिंचता है तो पंजाब सरकार किसानों से बातचीत के लिए आगे आ सकती है।
आगे क्या?
कृषि कानूनों के विरोध में हुए पिछले किसान आंदोलनों की तरह यह आंदोलन भी राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हो सकता है। पंजाब में किसानों की नाराजगी आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
क्या आपको लगता है कि यह आंदोलन बड़ा रूप ले सकता है?