मुख्य बातें:
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पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने राज्य में नशे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का ऐलान किया है।
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सभी फील्ड पुलिस अधिकारियों, SSPs और CPs को व्यक्तिगत नेतृत्व करने के आदेश दिए गए हैं।
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सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि वे 31 मई, 2025 तक अपने क्षेत्रों को नशा मुक्त बनाने का लक्ष्य पूरा करें।
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हर SSP और CP को अपना एक्शन प्लान बनाकर उसे तय समयसीमा में लागू करना होगा।
डीजीपी गौरव यादव के प्रमुख निर्देश:
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व्यक्तिगत नेतृत्व:
हर SSP और CP को खुद अभियान की कमान संभालनी होगी। -
रोडमैप तैयार करना:
पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट रणनीति बनानी होगी कि कैसे उनके क्षेत्र में नशे की आपूर्ति को जड़ से खत्म किया जाएगा। -
डेडलाइन सख्त:
कोई भी कार्य 31 मई के बाद लंबित नहीं रहना चाहिए। तिथि में कोई विस्तार नहीं होगा। -
परिणाम आधारित मूल्यांकन:
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अच्छा प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत किया जाएगा।
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कमजोर प्रदर्शन पर जवाबदेही तय होगी।
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गहन क्षेत्रीय मूल्यांकन:
31 मई के बाद जमीनी स्तर पर सख्त आकलन किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अभियान के वास्तविक परिणाम आए हैं।
पृष्ठभूमि:
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यह निर्देश पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा चलाए जा रहे अभियान ‘युद्ध नश्यां विरुद्ध’ की समीक्षा के बाद जारी किए गए हैं।
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मुख्यमंत्री मान पहले भी राज्य को नशे से मुक्त करने की प्राथमिकता जाहिर कर चुके हैं।
बड़ी तस्वीर:
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पंजाब लंबे समय से नशाखोरी की गंभीर समस्या से जूझ रहा है, खासकर सीमावर्ती इलाकों में।
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राज्य सरकार का यह सख्त अभियान पंजाब को नशामुक्त बनाने के मिशन में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।
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इस बार केवल निचले स्तर पर कार्रवाई नहीं बल्कि वरिष्ठ नेतृत्व के स्तर पर सीधी जवाबदेही तय की जा रही है।