राजस्थान विधानसभा चुनाव में बंपर जीत के बाद से ही भाजपा के हौसले बुलंद हैं। पार्टी की ओर सीएम भजन लाल और दो उपमुख्यमंत्री समेत सभी विधायकों का शपथ ग्रहण हो चुका है।लेकिन अब तक राज्य में मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो पाया।हालांकि, नई सरकार के मंत्रिमंडल गठन को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है जिसके बाद जल्द ही किसी बड़ी घोषणा के कयास लगाए जा रहे हैं।
राजस्थान में भजनलाल शर्मा के मंत्रिमंडल विस्तार पर जारी सस्पेंस खत्म हो गया है. कल यानी शनिवार की दोपहर 3.30 बजे राजभवन में मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी.हालांकि, कितने मंत्री शपथ लेंगे, इस बारे में अभी कोई तस्वीर साफ नहीं हुई है. जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा शुक्रवार की शाम दिल्ली रवाना हो रहे हैं. इस दौरान वो बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात करेंगे और कैबिनेट में शामिल होने वाले नेताओं की सूची आलाकमान को सौंपेंगे. बताते चलें कि 3 दिसंबर को आए चुनाव नतीजों में बीजेपी को प्रचंड जीत मिली है. जीत के 12 दिन बाद बीजेपी के आलाकमान ने भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया. इसके बाद मंत्रियों की शपथ लेने की चर्चा सियासी गलियारों में तेज हो गई. हालांकि, 15 दिन बाद मंत्रियों की शपथ लेने पर जारी सस्पेंस खत्म होने की उम्मीद जताई जा रही है.
अभी तक की जानकारी के मुताबिक राजस्थान मंत्रिमंडल में करीब 18 विधायकों को शामिल किया जा सकता है. इनमें 12 केबिनेट मंत्री और 6 राज्यमंत्री हो सकते हैं. प्रदेश में मंत्री बनने का मौका किस-किस को मिलेगा, ये इस खबर को लिखे जाने तक साफ नहीं हो सका है. वैसे अनुमान है कि राजस्थान में भी युवाओं को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है.
नए विधायकों को मौका मिलने की उम्मीद
माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश की तरह ही राजस्थान में ज्यादा नए विधायकों को मौके दिए जाएंगे। अटकलें हैं कि वरिष्ठ सदस्यों की जगह उन विधायकों को मौका दिया जा सकता है, जो अब तक कभी मंत्री नहीं बने हैं। कुछ वरिष्ठ विधायकों को भी मंत्री बनाया जा सकता है और उनकी संख्या ज्यादा नहीं होगी। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर नए मंत्रियों के चयन में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने पर भी नजर रहेगी।
कैबिनेट में ओबीसी चेहरे को जगह?
बता दें कि राजस्थान में 33 सालों के बाद ब्राह्मण चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया गया है। वहीं, एक डिप्टी सीएम क्षत्रीय तो दूसरे डिप्टी सीएम दलित समुदाय से हैं। ऐसे में अब पार्टी में ओबीसी और एसटी चेहरों को प्रमुख मंत्रालयों की कमान देने की तैयारी है, जिसमें कई दिग्गज नेताओं को आगे किया जा रहा है। एसटी चेहरे में महिला और पुरुष दोनों को कैबिनेट और स्वतंत्र प्रभार दिए जाने की चर्चा है। वहीं, ओबीसी चेहरों में जाट, माली, कुमावत और गुजर्र को प्रमुखता दिए जाने पर चर्चा है।
मंत्रिमंडल में क्षेत्र और जाति का दिखेगा संतुलन
पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रदेश के नये मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की थी. ये मुलाकात कैबिनेट गठन के संबंध में की गई थी. सूत्रों के मुताबिक फिलहाल जो नाम निकलकर सामने आए हैं, उनमें बाबा बालकनाथ, शैलेश सिंह, संदीप शर्मा, जवाहर सिंह बेदम और महेंद्र पुरी जैसे विधायक शामिल हैं.
प्रदेश में मुख्यमंत्री के साथ ही दो डिप्टी सीएम बनाये गये हैं. लिहाजा सूत्र ये बता रहे हैं कि प्रदेश के नये मंत्रिमंडल में क्षेत्र और जाति के समीकरण को विशेष आधार बनाया जा सकता है. पार्टी की कोशिश ऐसे चेहरे को सामने लाने की होगी, जिसका असर 2024 के लोकसभा के चुनाव पर भी दिखे.
एमपी-छत्तीसगढ़ में हो चुका मंत्रिमंडल गठन
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में आधे से अधिक उन नेताओं को मंत्री बनाया गया है जो पहली बार विधायक बने हैं. मध्य प्रदेश में इनकी संख्या 61 फीसदी तो छत्तीसगढ़ में 55 फीसदी है. छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय के मंत्रिमंडल में केवल 4 पूर्वमंत्रियों को जगह दी गई है तो वहीं मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार में रहे केवल 6 विधायक ही मंत्री बन सके हैं. सूत्र बताते हैं कि राजस्थान में भी यही ट्रेंड दिख सकता है.