राजस्थान में धर्मांतरण के बड़े खेल का पर्दाफाश हुआ है. भरतपुर में एक होटल में चल रहे धर्मांतरण कार्यक्रम पर पुलिस की छापेमारी के बाद दो आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि चंडीगढ़ से धर्मांतरण का ये खेल चल रहा है. मास्टरमाइंड प्रोफेट बिजेंद्र सिंह दीक्षा दे रहा था. दावा किया जा रहा है कि अब तक 4200 का धर्मांतरण करा चुका है. उधर, वीएचपी ने धर्मांतरित हो चुके लोगों को वापस हिंदु धर्म में लाने के लिए शुद्धि अभियान चलाने का फैसला किया है.
भरतपुर में एक होटल में चल रहे धर्मांतरण का खेल हैरान करने वाला है. अगर संदीप कुमार गुप्ता सोनार हवेली नहीं पहुंचते तो इस धर्मांतरण की चंगेजी सभा का खुलासा नहीं हो पाता. दरअसल संदीप के दोस्त मोहित की 25 फरवरी को शादी है. शादी की बुकिंग के लिए वे अपने एक दोस्त के साथ सोनार हवेली पहुंचे, लेकिन संदीप हॉल में पहुंचे तो देखा कि चार सौ लोग हॉल में मौजूद थे. मंच से 15 लोग निर्देश दे रहे थे. भड़काऊ भाषण दे रहे थे. स्टेज पर दवाओं की बोतलें रखी थीं. बाइबिल लोगों को हाथ में देकर प्रभु यीशु की कसम दिलाकर कुंवर सिंह धर्म परिवर्तन करा रहा था. हॉल में लगी 15 एलईडी पर फ्रोफेट बिजेंद्र सिंह वीडियो भाषण के जरिये ईसाई धर्म अपनाने के लए प्रेरित कर रहा था.
संदीप के मुताबिक, वो लोगों से कहा जा था कि हिंदू धर्म कमजोर है. प्रभू यीशु ही आपका इलाज कर सकता है. ये सब देखकर संदीप और उसका दोस्त रिकॉर्डिंग करने लगे तो मोबाईल छीन लिया.
संदीप ने बीजेपी कार्यकर्ता उत्तम शर्मा को इसकी सूचना दी. उत्तम शर्मा वीएचपी के जिलाध्यक्ष समेत हिंदु संगठनों के कार्यकर्ताओं को लेकर मौके पर पहुंचे. धर्म परिवर्तन की इस चंगेजी सभा का आयोजन कुंवर सिंह और यूपी के शैलेंद्र सिंह करवा रहे थे. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में सामने आया कि धर्मांतरण का ये खेल चंडीगढ़ से चल रहा था. फंडिग भी चंडीगढ़ से हो रही थी. सिर्फ भरतपुर ही नहीं कई और जगह भी ऐसी चंगेजी सभाएं आयोजित की जा रही थीं.
उधर हिंदुवादी संगठनों ने एक मिशनरी वर्कर से एक रजिस्टर बरमद किया, जिसमें आठ महीने में 13 कैंप का जिक्र है. हिंदुवादी संगठनों ने 1690 लोगों की सूची सौंपी, जिन्होंने मिशनरी के कैंपों में भाग लिया. दावा किया कि अब तक 4200 लोगों का धर्मातरण कराया जा चुका है. अब वीएचपी ने फैसला किया कि ऐसे धर्मांतरित हो चुके लोगों की घर वापसी के लिए शुद्धि अभियान चलाएगी.
उत्तम सिंह, जिला अध्यक्ष वीएचपी का कहना है कि ये पहला मामला नहीं है. दो साल पहले जयपुर में भी ऐसा ही मामला सामने आया, जिसमें एक चंगेजी सभा होने वाली थी, लेकिन हिंदुवादी संगठनों के हंगामे के चलते इसे रद्द करना पड़ा था. जिन लोगों को कार्यक्रम में बुलाया गया, उन्होंने दावा किया था कि उन्हें हिंदु देवी-देवताओं की मूर्तियां घर से बाहर निकालने के लिए कहा गया था.