NIA स्पेशल कोर्ट ने उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड में आरोपित फरहाद मोहम्मद को जमानत दे दी है। कोर्ट के मुताबिक हत्या की साजिश में बबला उर्फ़ फरहाद के शामिल होने का कोई आरोप नहीं है। 24 अगस्त 2023 को फरहाद की जमानत अर्जी पर बहस हुई थी। इस पर शुक्रवार (1 सितम्बर) को फैसला आया। आरोप था कि फरहाद के पारिवारिक मकान से तलवार बरामद की गई थी। आरोपित बबला उर्फ़ फरहाद तलवार पर मीनकारी का काम करता है।
फरहाद की जमानत की सुनवाई न्यायाधीश रविंद्र कुमार की अदालत में हुई। कन्हैयालाल हत्याकांड में NIA ने फरहाद को आर्म्स एक्ट 4/25 का आरोपित बनाया था। आरोपित की तरफ से बहस एडवोकेट अखिल चौधरी ने की।
वकील चौधरी के मुताबिक घटना के समय फरहाद का FIR में नाम नहीं था। दलील दी गई कि जो तलवार फरहाद के पास से बरामद होने के दावा NIA ने किया है, वो आरोपित के पारिवारिक मकान से मिली थी। इस तलवार पर मीनकारी का काम करके बबला ने उसे बेचने के लिए रखा था न कि किसी गलत मकसद से।
बचाव पक्ष की दलील में यह भी कहा गया कि बरामद तलवार धारदार नहीं बल्कि भोंटी (भोथरी) थी। NIA ने आरोपित फरहाद की जमानत का हालाँकि विरोध किया था। NIA के वकील टीपी शर्मा ने कोर्ट से फरहाद को आदतन अपराधी बताया और उस पर पहले से ही 3 केस दर्ज होने की जानकारी भी दी।
सरकारी वकील के मुताबिक फरहाद ने नूपुर शर्मा के खिलाफ हुए एक प्रदर्शन के दौरान सिर तन से जुदा के नारे भी लगाए थे। बचाव पक्ष के वकील ने हालाँकि पहले दर्ज केसों में फरहाद के बरी होने और नारे वाले प्रदर्शन को फरहाद नहीं बल्कि किसी और का आयोजन बताया।
फरहाद तलवारों पर मीनकारी का काम करता है। वो जुलाई 2022 से जेल काट रहा है। इन दलीलों को सुन कर अदालत ने कहा कि फरहाद पर केवल आर्म्स एक्ट का आरोप है। कोर्ट ने यह भी कहा कि तलवार धारदार थी या भोंटी, इसका निर्णय जमानत के लेवल पर नहीं हो सकता।
NIA स्पेशल कोर्ट ने फरहाद के वकील की दलीलों को जमानत योग्य बताया। बचाव पक्ष के मुताबिक जाँच एजेंसी ऐसे सबूत नहीं पेश कर पाई, जो कन्हैयालाल की हत्या की साजिश में फरहाद की मिलीभगत साबित करती हो। NIA द्वारा कोर्ट में पेश चार्जशीट में भी फरहाद पर UAPA की धारा नहीं लगाई गई थी।