प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को जयपुर में भजनलाल शर्मा सरकार के एक साल पूरे होने के अवसर पर राजस्थान को बड़ी विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे। पीएम मोदी का यह दौरा राज्य के लिए अहम है क्योंकि वे करीब 1 लाख करोड़ रुपये की योजनाओं का शुभारंभ करेंगे।
प्रमुख कार्यक्रम
- पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP)
पीएम मोदी पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (PKC-ERCP) का उद्घाटन करेंगे। इस योजना के माध्यम से राजस्थान के 21 जिलों में जल संकट से राहत मिलेगी। यह परियोजना पीने के पानी और सिंचाई के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
- विकास परियोजनाओं की सौगात
पीएम मोदी बिजली, पानी, सड़क और रेलवे से जुड़ी लगभग 24 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इन परियोजनाओं से राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी।
- कार्यक्रम स्थल
- पीएम मोदी का कार्यक्रम जयपुर के वाटिका रोड पर आयोजित किया जाएगा।
- इस कार्यक्रम में भजनलाल शर्मा सरकार के एक साल का प्रदर्शन और उपलब्धियां भी सामने रखी जाएंगी।
ईआरसीपी योजना की खासियत
- लक्ष्य: राजस्थान के जल संकट वाले 21 जिलों को राहत देना।
- उपयोग:
- पीने के पानी की समस्या का समाधान।
- किसानों को फसल सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराना।
- क्षेत्रीय महत्व: पूर्वी राजस्थान के जिलों में दशकों से जल संकट की समस्या रही है, जिसे यह परियोजना दूर करने का प्रयास करेगी।
पीएम मोदी का कार्यक्रम
- पीएम मोदी तीन घंटे जयपुर में रहेंगे।
- वे राज्य की विकास योजनाओं के उद्घाटन के साथ जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
इस दौरे के साथ, प्रधानमंत्री मोदी की राजस्थान में सक्रियता और विकास कार्यों को गति देने की रणनीति साफ झलकती है। यह दौरा राज्य के विकास एजेंडे को आगे बढ़ाने और आने वाले चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक महत्व रखता है।
पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (PKC-ERCP) राजस्थान और मध्य प्रदेश के जल संकट वाले क्षेत्रों के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य पेयजल और सिंचाई की समस्या का समाधान करना है।
परियोजना की मुख्य विशेषताएं
- 11 नदियों का आपस में जोड़ना:
- मुख्य नदियां: चंबल, पार्वती, कालीसिंध, कुनो, बनास, बाणगंगा, रूपरेल, गंभीरी, और मेज।
- नवनेरा बैराज से पानी गलवा बांध तक लाया जाएगा।
- जल सेतु के माध्यम से पानी मेज नदी तक पहुंचेगा और पंपिंग के जरिए गलवा बांध से ईसरदा बांध व बीसलपुर बांध तक पानी की आपूर्ति की जाएगी।
- बैराजों का निर्माण:
- रामगढ़ बैराज (कूल नदी पर)।
- महलपुर बैराज (पार्वती नदी पर)।
- इन बैराजों के निर्माण से सिंचाई क्षमता बढ़ेगी और किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
- पेयजल और सिंचाई लाभ:
- राजस्थान के 21 जिलों को पेयजल और सिंचाई की सुविधा मिलेगी।
लाभान्वित जिले: झालावाड़, कोटा, बूंदी, टोंक, सवाई माधोपुर, दौसा, करौली, भरतपुर, अलवर आदि।
- मध्य प्रदेश के जिले: गुना, शिवपुरी, श्योपुर, राजगढ़, उज्जैन, मंदसौर, मुरैना, ग्वालियर, रतलाम आदि।
- क्षेत्रीय प्रभाव:
- परियोजना से 6.13 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई संभव होगी।
- लगभग 40 लाख लोगों को पीने का पानी उपलब्ध कराया जाएगा।
- औद्योगिक जल की जरूरतों को भी पूरा किया जाएगा।
लाभ
- किसानों को फायदा: सिंचाई क्षमता बढ़ने से फसल उत्पादन में सुधार होगा।
- जल संकट से राहत: राजस्थान और मध्य प्रदेश के जल संकट वाले जिलों में पीने के पानी की किल्लत दूर होगी।
- औद्योगिक विकास: औद्योगिक क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित होने से औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।
महत्व
ईआरसीपी योजना राजस्थान और मध्य प्रदेश के लिए “लाइफलाइन” साबित हो सकती है। इससे न केवल जल संकट दूर होगा, बल्कि कृषि और औद्योगिक विकास में भी तेजी आएगी। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस परियोजना के उद्घाटन के साथ, यह योजना दोनों राज्यों के विकास में मील का पत्थर साबित होगी।
रेलवे परियोजनाओं का विवरण
- शिलान्यास की जाने वाली परियोजनाएं:
- जयपुर-सवाई माधोपुर रेल लाइन
- लागत: ₹1204 करोड़।
- यह परियोजना जयपुर और सवाई माधोपुर के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी।
- अजमेर-चंदेरिया रेल लाइन
- लागत: ₹1634 करोड़।
- इससे अजमेर और चंदेरिया के बीच माल और यात्री परिवहन में सुधार होगा।
- लूनी-समदड़ी-भीलड़ी रेल लाइन का दोहरीकरण
- इस रेल खंड के दोहरीकरण से मालवाहक गाड़ियों की क्षमता बढ़ेगी और रेल यातायात सुगम होगा।
- लोकार्पण की जाने वाली परियोजना:
- भीलड़ी-समदड़ी-लूणी-जोधपुर-मेड़तारोड-डेगाना-रतनगढ़ रेल लाइन का विद्युतीकरण कार्य
- इस परियोजना से रेल सेवाओं का विद्युतीकरण हो जाएगा, जिससे गाड़ियों की गति, दक्षता और पर्यावरणीय लाभ मिलेगा।
कुल निवेश
- इन चार परियोजनाओं पर कुल ₹6500 करोड़ की लागत आएगी।
परियोजनाओं के लाभ
- रेल कनेक्टिविटी में सुधार: जयपुर, अजमेर, सवाई माधोपुर सहित अन्य क्षेत्रों में यात्रियों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी।
- माल परिवहन की क्षमता: दोहरीकरण से मालगाड़ियों के आवागमन की क्षमता बढ़ेगी, जिससे औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों को बल मिलेगा।
- विद्युतीकरण के लाभ:
- गाड़ियों की गति और समयबद्धता में सुधार।
- डीजल इंजन पर निर्भरता घटेगी, जिससे ईंधन की बचत और कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
प्रधानमंत्री का विजन
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा राजस्थान को रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक और कदम है। इन परियोजनाओं से न केवल यात्रियों को राहत मिलेगी, बल्कि औद्योगिक विकास और माल परिवहन को भी गति मिलेगी।