रब सागर में उत्पन्न हुए इस साल के पहले चक्रवात बिपारजॉय ने 15 जून की शाम को उत्तरी गुजरात के तटों पर अपनी दस्तक दी. अब यह उत्तर पश्चिम गुजरात और पाकिस्तान के दक्षिण सिंध के आसपास के हिस्सों की ओर बढ़ गया है. माना जा रहा है कि यह अब दक्षिण राजस्थान के ऊपर उत्तर पूर्व दिशा में आगे बढ़ेगा. हालांकि इसका असर 18 जून की सुबह तक गुजरात तट पर महसूस किया जाएगा. इसके चलते सौराष्ट्र और कच्छ तट पर हवाओं की गति 25 से 30 किलोमीटर होगी. 18 जून की सुबह तक हवा की लहरें भी ऊंची रहेंगी. हवा की गति कम होने लगेगी और 18 जून की सुबह से लहरों की ऊंचाई भी कम हो जाएगी.
प्राइवेट मौसम एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक चक्रवात बिपारजॉय 16 जून को दक्षिण-पश्चिम राजस्थान में पहुंच चुका है. इसके चलते आज गुजरात के कच्छ क्षेत्र, पाकिस्तान के दक्षिण-पूर्व सिंध के साथ-साथ दक्षिण-पश्चिम और पश्चिमी राजस्थान के हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होगी. राजस्थान के कई हिस्सों में 17 और 18 जून को हल्की से लेकर भारी स्तर की बारिश होगी.
अगर दिल्ली-एनसीआर के मौसम की बात करें तो 18 से 20 जून तक एक-दो बार हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है. इस बारिश की वजह पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवात बिपारजॉय का संयुक्त प्रभाव होगा. दिल्ली के अलावा पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी इसी अवधि में आंधी-बारिश आ सकती है.
एजेंसी के मुताबिक अगले 24 घंटे में पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान में हल्की बारिश हो सकती है. इसके साथ ही धूल भरी आंधी भी चल सकती है. इससे लोगों को तेज गर्मी से कुछ राहत मिलेगी. दक्षिण-पूर्व राजस्थान, गुजरात क्षेत्र, कोंकण और गोवा और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में आज हल्की से भारी स्तर की बारिश हो सकती है. मौसम विभाग ने राजस्थान में सोमवार तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.
तमिलनाडु, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश संभव है.