भारत के सिक्किम में प्राकृतिक आपदा ने बड़ी तबाही मचाई है। इस आपदा में भारतीय सेना को भी बड़ा नुकसान हुआ है। जानकारी के मुताबिक, सिक्किम के छतेन में भूस्खलन यानी कि लैंडस्लाइड की चपेट में भारतीय सेना का एक कैंप आ गया है। इस लैंडस्लाइड की चपेट में आने के कारण भारतीय सेना के 3 जवान शहीद हो गए हैं। वहीं, सेना के 6 जवान अब भी लापता हैं जिनकी तलाश की जा रही है। आइए जानते हैं कि ये हादसा कब, कहां और कैसे हुआ है।
कैसे हुआ हादसा?
दरअसल, सिक्किम में लैंडस्लाइड की ये घटना लाचेन जिले के चाटन इलाके में हुई है। एक रक्षा अधिकारी ने सोमवार को जानकारी दी है कि रविवार को शाम 7 बजे के करीब लाचेन कस्बे के पास भारी बारिश के कारण भयानक लैंडस्लाइड हुआ था। इसमें तीन सैनिक शहीद हो गए। इसके अलावा चार अन्य सैनिकों को मामूली चोटे आईं और उन्हें बचा लिया गया है। इसके अलावा 6 जवान अब भी लापता हैं।
रेस्क्यू अभियान जारी
रक्षा अधिकारियों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, सिक्किम में लैंडस्लाइड में शहीद होने वाले सेना के जवानों की पहचान हवलदार लखबिंदर सिंह, लांस नायक मनीष ठाकुर और पोर्टर अभिषेक लखड़ा के रूप में की गई है। सभी के पार्थिव शरीर बरामद कर लिए गए हैं। रेस्क्यू टीमें लापता चल रहे 6 अन्य जवानों की तलाश में अभियान चला रही हैं।
महत्वपूर्ण संदर्भ:
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सिक्किम और पूर्वोत्तर क्षेत्र अक्सर भारी बारिश और भू-स्खलन से प्रभावित रहते हैं, विशेषकर मानसून या प्री-मॉनसून सीजन में।
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लाचेन और छतेन जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेना की चौकियों और पोस्ट्स की स्थिति रणनीतिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील होती है।
श्रद्धांजलि और सम्मान:
इस हादसे में शहीद हुए जवानों को शत्-शत् नमन।
उनका बलिदान देश के प्रति अटूट समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है।
सरकार और सैन्य प्रशासन के लिए जरूरी कदम:
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ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों में मौसम पूर्वानुमान और अर्ली वॉर्निंग सिस्टम को और मज़बूत किया जाए।
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कैंप्स और सैनिक चौकियों के स्थान चयन और सुरक्षा उपायों का पुनर्मूल्यांकन हो।
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प्रभावित परिवारों को शीघ्र आर्थिक सहायता और पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू की जाए।