सिक्किम में भूस्खलन के बाद लापता हुए छह जवानों का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है. 1 जून की शाम 7 बजे सिक्किम में जोरदार बारिश की वजह से भूस्खलन हो गया. इसकी चपेट में आने सेना के तीन जवानों की मौत हो गई जबकि चार जवानों को मामूली चोटों के बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था, लेकिन इस दौरान लापता हुए छह जवानों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है. सेना के राहत और बचाव दल दिन रात एक किए हुए हैं. वहीं भूस्खलन की वजह से जिन तीन जवानों की मौत हो गई. उनकी पहचान हवलदार लखविंदर सिंह, लांस नायक मुनीश ठाकुर और पोर्टर अभिषेक लखड़ा के रूप में हुई है.
यह घटना लाचेन जिले के चेटेंन इलाके में हुई. बताया जाता है कि लैंड स्लाइड की चपेट में थल सेना का एक कैम्प भी आ गया था. घटना के बाद से राहत व बचाव कार्य जारी है. शुरुआत में भारी बारिश और प्रतिकूल मौसम की वजह से राहत अभियान को दिक्कत जरूर आई फिर भी विपरीत हालात में भी सेना के जवान आम लोगों की मदद करने में लगे रहे. साथ ही मु्श्किल हालात में भी अपने लापता जवानों की तलाश कर रहे हैं. सिक्किम में भूस्खलन और लापता जवानों की तलाश में एनडीआरएफ की 30 कर्मियों की विशेष टीम भी पहुंची है, जो आवश्यक आपातकालीन उपकरणों से लैस है. एनडीआरएफ की यह टीम ऐसे बचाव व राहत अभियानों की विशेषज्ञ है. वैसे जानकारों का मानना है कि जैसे-जैसे वक्त बीतता जा रहा है वैसे-वैसे लापता जवानों के सुरक्षित मिलने की उम्मीदें धूमिल पड़ती जा रही हैं. आशंका ये भी जताई जा रही है कि कहीं इन लापता जवानों के शव लाचेन नदी से बहकर तिस्ता में न चले गए हों. इसके बावजूद सेना ने उम्मीद नहीं छोड़ी है और अपने लापता जवानों की सुरक्षित तलाश में उनके साथी जुटे हुए हैं.