लाचेन और लाचुंग में लगभग 3000 लोग फंसे
सिक्किम के मुख्य सचिव विजय भूषण पाठक ने बताया, चेकपोस्ट के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, लाचेन और लाचुंग में लगभग 3000 लोग फंसे हुए हैं। 700-800 ड्राइवर वहां फंसे हुए हैं। 3150 लोग जो मोटरसाइकिलों पर वहां गए थे वे भी वहां फंस गए हैं। सेना और वायुसेना के हेलीकॉप्टरों से सभी को निकाला जाएगा। सेना ने लाचेन और लाचुंग में फंसे लोगों को इंटरनेट पर वॉयस कॉल के जरिए उनके परिवारों से बात कराई।
सेना उत्तरी सिक्किम में फंसे लोगों को भोजन दे रही
लापता सेना के जवानों को खोजने के अलावा भारतीय सेना उत्तरी सिक्किम में फंसे लोगों और पर्यटकों को भोजन, चिकित्सा सहायता और संचार सुविधाओं में मदद कर रही है। पीआरओ डिफेंस ने बताया, “हम तीस्ता बैराज के निचले इलाकों में लापता सैनिकों की तलाश कर रहे हैं। सिंगताम के पास बुरदांग में घटना स्थल पर सेना की गाड़ियों को खोदकर निकाला जा रहा है और सामानों को बरामद किया जा रहा है। खोज अभियान में मदद के लिए तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू, ट्रैकर कुत्तों, विशेष राडार की टीम और अतिरिक्त संसाधन लाए गए हैं।”
Sikkim flash floods | Search for the missing Indian Army personnel continues. Meanwhile, Indian Army is providing assistance in terms of food, medical aid and extending communication facilities to civilians and tourists stranded in North Sikkim: PRO Defence, Guwahati pic.twitter.com/NYCZQ5H7A0
— ANI (@ANI) October 6, 2023
अब तक 2,011 लोगों को बचाया गया
अधिकारियों ने बताया कि घायल हुए 26 लोग सिक्किम के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) ने एक बुलेटिन में बताया कि अब तक 2,011 लोगों को बचाया गया है, जबकि 22,034 लोग इससे प्रभावित हुए हैं। पाठक ने कहा कि उन्हें सेना की 27वीं माउंटेन डिवीजन के अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी सिक्किम में लाचेन, लाचुंग और आसपास के क्षेत्रों में फंसे पर्यटक सुरक्षित हैं। एक अनुमान के मुताबिक, विदेशी नागरिकों सहित 3,000 से ज्यादा टूरिस्ट सिक्किम के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं। पाठक ने कहा कि सेना ने अपनी दूरसंचार सेवा एक्टिव कर दी है और कई पर्यटकों को उनकेपरिवार के सदस्यों से बात करायी। उन्होंने कहा कि फंसे हुए पर्यटकों को निकालना प्राथमिकता है और उन्हें मंगन तक हवाई मार्ग से ले जाने का फैसला लिया गया है, जहां से उन्हें सड़क मार्ग से सिक्किम लाया जाएगा। भाररतीय वायुसेना और सेना के हेलीकॉप्टर लाचेन, लाचुंग और चुंगथांग के लिए बृहस्पितवार को उड़ान भरने के लिए तैयार थे, लेकिन खराब मौसम के कारण ऐसा नहीं कर सके।