देश के लिए साल 2024 खेलों में काफी बेहतरीन माना जा सकता है, जिसमें एक तरफ जहां क्रिकेट मैदान पर टीम इंडिया टी20 वर्ल्ड कप जीतने में कामयाब रही तो अन्य खेलों में भी भारतीय प्लेयर्स और टीम का कमाल प्रदर्शन देखने को मिला। इस साल पेरिस में ओलंपिक गेम्स का भी आयोजन हुआ था, जिसमें सभी फैंस को पहले के मुकाबले अधिक मेडल की उम्मीद थी, लेकिन उसमें थोड़ा निराश जरूर होना पड़ा इसके बावजूद भी कुछ खेलों में देश मेडल जीतने में कामयाब रहा जिनकी उम्मीद काफी कम की गई थी। इसमें शूटिंग पहले नंबर पर आएगा जिसमें मनु भाकर ने एक नहीं बल्कि 2 मेडल अपने नाम किए थे, वहीं जैवलिन थ्रो इवेंट में नीरज चोपड़ा इस बार गोल्ड जीतने में तो कामयाब नहीं हो सके लेकिन सिल्वर मेडल को जरूर अपने नाम किया। ऐसे में हम आपको साल 2024 में क्रिकेट छोड़ अन्य खेलों में कैसा प्रदर्शन रहा उसके बारे में बताने जा रहे हैं।
शूटिंग मनु और अवनी का नाम हुआ इतिहास के पन्नों में दर्ज
पेरिस ओलंपिक के लिए जब भारतीय दल रवाना हुआ था तो उसमें इस बार सबसे ज्यादा पदक जीतने की उम्मीद शूटिंग के इवेंट में की गई थी, जिसमें कुछ कैटेगिरी में निशानेबाज मेडल जीतने के काफी करीब पहुंचने के बाद चूक गए थे, लेकिन स्टार महिला निशानेबाज मनु भाकर ने इस बार ओलंपिक में देश के मान को बढ़ाने का जरूर काम किया, जिसमें उन्होंने 22 साल की उम्र में 10 मीटर एयर पिस्टल में ब्रॉन्ज मेडल जीता इसके अलावा 25 मीटर एयर पिस्टल मिक्सड इवेंट में भी कांस्य पदक जीतने में सफलता हासिल की। वहीं पैरालंपिक में भी भारत की महिला राइफल शूटर अवनी लखेरा ने इतिहास रचा जिसमें उन्होंने गोल्ड मेडल जीतने के अलावा एक ब्रॉन्ज को भी अपने नाम किया।
हॉकी में जीता ब्रॉन्ज मेडल
इस बार भारतीय हॉकी टीम का भी ओलंपिक में बेहतरीन प्रदर्शन देखने को मिला जिसमें भले ही वह गोल्ड मेडल मैच में पहुंचने में कामयाब नहीं हो सके लेकिन इसके बावजूद ब्रॉन्ज मेडल जरूर अपने नाम किया, जिससे ओलंपिक में फिर से फैंस को भारतीय हॉकी का जादू देखने को मिला। भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में स्पेन की टीम को 2-1 से मात देने के साथ पदक अपने नाम किया। इस मुकाबले के बाद भारतीय हॉकी इतिहास के सबसे सफल गोलकीपर में से एक पीआर श्रीजेश ने इस खेल को अलविदा भी कह दिया था।
चेस में डी गुकेश ने बनाया अपना दबदबा
चेस का नाम सुनते ही सभी भारतीय फैंस के मन में सबसे पहले विश्वनाथन आनंद का नाम आता है, लेकिन साल 2024 में डी गुकेश का चेस में दबदबा देखने को मिला और वह इस खेल में देश के उभरते हुए सितारे बन गए। गुकेश ने चीन के डिंग लिरेन को हराकर वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया। वह सिर्फ 18 साल के हैं। गुकेश ने डिंग लिरेन को 14वीं और अंतिम बाजी में हराया और वर्ल्ड चैंपियन बने।
रेसलिंग अमन सहरावत ने रचा इतिहास
रेसलिंग में हमेशा भारत का दबदबा देखने को मिला है, लेकिन इस बार ओलंपिक में रेसलर्स उम्मीद के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर सके। हालांकि 21 साल के अमन सहरावत ब्रॉन्ज मेडल जीतने के साथ इतिहास रचने में जरूर कामयाब हुए। अमन ने पुरुषों के 57 किग्रा कैटेगिरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता जिसमें वह देश के सबसे कम उम्र के ओलंपिक पदक विजेता भी बन गए।
नीरज चोपड़ा को सिल्वर से करना पड़ा संतोष
इस बार भारतीय जैवलिन थ्रो एथलीट नीरज चोपड़ा टोक्यो ओलंपिक की तरह गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब तो नहीं हो सके लेकिन 89.45 मीटर दूर थ्रो करने के साथ सिल्वर मेडल को जरूर उन्होंने अपने नाम किया। इसी के साथ नीरज पहले ऐसे भारतीय जैवलिन थ्रो एथलीट बन गए जो ओलंपिक में गोल्ड और सिल्वर दोनों ही मेडल जीतने में कामयाब रहे।