तंग कोठरी, पेशाबघर के नाम पर छेद और वो चीखें जो वाजपेयी ने सुनी थी: प्रताड़ना ऐसी की रूह काँप जाए
स्नेहलता रेड्डी की कहानी भारतीय लोकतंत्र के सबसे काले अध्याय—आपातकाल—की उन अमानवीय यातनाओं की गवाही है, जहाँ निर्दोष लोगों को सत्ता के विरोध का मूल्य अपनी जान देकर चुकाना पड़ा। स्नेहलता एक...