‘आरोपित को है चुप रहने का अधिकार, बोलने के लिए नहीं बना सकते दबाव’: सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, कहा – चुप रहने का मतलब जाँच में असहयोग नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एक आरोपित को चुप रहने का अधिकार होता है और जाँचकर्ता उस पर दबाव नहीं बना सकते कि वो बोले या फिर अपने अपराध को कबूल करे। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (13 जुलाई, 2023) को एक मामले ?...