6 साल जेल में रहते हुए बाल गंगाधर तिलक ने लिख डाली थी 400 पन्नों की किताब ‘गीता रहस्य’
'स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा', लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने वर्ष 1916 में ये नारा दिया था। 23 जुलाई, 1856 को ब्रिटिश भारत में बॉम्बे प्रेसीडेंसी के रत्नागिरी जिले (वर्तमान मे...