‘भारतीय संस्कृति और भावी पीढ़ी को उपहार’
शारदापीठ, द्वारिका यह परमपवित्र अवसर है। भारत की पुण्यभूमि पर समय-समय पर बड़े-बड़े ओजस्वी और तेजस्वी महापुरुषों ने अवतार लिया है, जिनमें भगवद्पाद शंकराचार्य भगवान् प्रथम पंक्ति में हैं। उन्ह?...
गोरों ने जिसे समझा गुलाम, स्वामी विवेकानन्द ने उनसे हाथ मिला कर कहा था – ‘धन्यवाद भाई’
यह नीति वाक्य सदियों से हमारी प्राचीन सनातन संस्कृति और भारतवर्ष के श्रेष्ठ चरित्र का परिचायक है। विश्व के इतिहास में एक स्वर्णिम कालखण्ड ऐसा भी रहा है, जब भारत समस्त मानव जाति का नेतृत्व कर?...