तमिलनाडु के कृष्णागिरी और धर्मपुरी के जंगलों में हाथियों की काफी प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें से मैग्ना हाथी काफी खास है। ये हाथी अपने भोजन की तलाश करते हुए अक्सर इंसानी बस्तियों और गांवों में घुस जाते हैं। कहा जाता है कि मैग्ना हाथी काफी गुस्सैल होता है। लेकिन मुदुमलाई टाइगर रिजर्व में एक ऐसा मैग्ना हाथी भी था जो बेहद खास था। टाइगर रिजर्व में यह हाथी सरकारी नौकरी कर रहा था और पिछले ही साल वह अपने पद से रिटायर भी हुआ था। लेकिन शनिवार को उसकी मौत हो गई। मैग्ना हाथी की मृत्यु पर टाइगर रिजर्व के सैकड़ों कर्मचारी और जिला प्रशासन के अधिकारी उसे श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
मैग्ना हाथी को श्रद्धांजलि देने पहुंची भीड़
समाचार एजेंसी के मुताबिक, मुदुमलाई टाइगर रिजर्व की डिप्टी डायरेक्टर विद्या ने हाथी की मौत पर कहा कि मैग्ना हाथी को साल 1998 में पकड़ा गया था। इसके बाद से ही यह हाथी शिविर में रह रहा था। जंगल में सभी प्रकार के ऑपरेशनों में इस हाथी का प्रयोग किया जाता रहा है। लेकिन पिछले साल सरकारी सेवा से यह हाथी रिटायर हो गया था। उन्होंने बताया कि हाथी की आयु लगभग 58 वर्ष थी। पिछले साल रिटायरमेंट के बाद ही उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं था। शनिवार को जब उसकी तबियत ज्यादा बिगड़ी तो उसकी मौत हो गई।
#WATCH | Nilgiri, Tamil Nadu: Mudumalai Tiger Reserve officials pay floral tribute to 58-year-old Magna Elephant, who was working as a government employee till last year and passed away. pic.twitter.com/KHGT3PR4E4
— ANI (@ANI) October 15, 2023
किसे कहते हैं मैग्ना हाथी
हाथियों की प्रजाति में मैग्ना की अपनी अलग अहमियत है। इस प्रजाति के हाथी के दांत नहीं होते हैं। अक्सर ये तमिलनाडु में पाए जाते हैं। सामान्य तौर पर देखा जाता है कि जिन हाथियों के दांत होते हैं वो नर होते हैं और जिनके दांत नहीं होते हैं वो मादा होती हैं। लेकिन मैग्ना हाथी ऐसै होता है कि वो भले ही नर हो लेकिन उसके दांत नहीं होते हैं। हालांकि, यह हाथी शांत स्वभाव का होता है, लेकिन अगर यह हाथी किसी बात पर आक्रामक होता है तो उसे कंट्रोल कर पाना बेहद मुश्किल होता है। मैग्ना हाथी की मौत पर टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों में गम का माहौल है।