तमिलनाडु के कल्लकुरिची में हुई जहरीली शराब त्रासदी में लोगों की मौत पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तमिलनाडु की स्टालिन सरकार पर निशाना साधा है. भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि 53 तमिलियन लोगों के लाशों को जलते हुए देखकर आज शर्म और आक्रोश से सिर झुक जाता है. करुणा पुरम के दलित समुदाय के इन यूथ, बुजुर्ग लोगों की मौत के लिए राज्य की डीएमके सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है. गैरकानूनी और जहरीली शराब से आम लोगों की मौत हुई है.
उन्होंने कहा कि इस मौत पर एक्शन लेने के बजाय राज्य की सरकार दोषियों को बचाने का प्रयास हो रही है. जहरीली शराब के इन कारोबारियों का सीधा संबंध डीएमके सरकार से है, जो लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं.
बता दें कि कल्लचुरिची में देशी अवैध शराब पीने से लोगों की हुई मौत के बाद कोहराम मचा हुआ है. बीजेपी लगातार स्टालिन सरकार पर हमला बोल रही है. इस बीच, तमिलनाडु सरकार ने अवैध शराब के सेवन से प्रभावित लोगों की सही संख्या का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य उपनिदेशक के नेतृत्व में एक चिकित्सा दल का गठन किया है.
#WATCH | On the Kallakurichi (Tamil Nadu) Hooch tragedy, BJP leader Shehzad Poonawalla says, "53 people lost their lives. The majority of them are youth… A state-sponsored murder for which the DMK government is solely responsible. But instead of taking action on this… pic.twitter.com/4VnC43h9Jw
— ANI (@ANI) June 22, 2024
मद्रास हाईकोर्ट ने स्टालिन सरकार को लगाई फटकार
वहीं, तमिलनाडु सरकार को अवैध शराब त्रासदी के लिए फटकार लगाते हुए मद्रास उच्च न्यायालय ने राज्य में अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है.
बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि ये डीएमके स्पॉन्सर मर्डर है. उन्होंने सवाल किया कि क्या 10 लाख रुपया मुआवजा इन दलित समुदाय के लोगों के जीवन की कीमत है? उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में इंडिया एलायंस के सभी दलों ने चुप्पी क्यों साध रखी है? इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से होनी चाहिए और आबकारी मंत्री का इस्तीफा तुरंत होना चाहिए.
बीजेपी ने आबकारी मंत्री का मांगा इस्तीफा
बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव अनिल एंटनी ने कहा कि जहरीली शराब पीने से प्रभावित 253 लोगों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती किया गया है, जबकि 53 की मौत हो चुकी है. वहां की स्थानीय जिलाधिकारी का ये कहना कि मौत संदिग्ध वजहों से हुआ मामले को छुपाने जैसा है.