तमिलनाडु सरकार ने एक आदेश में कहा है कि मंदिर के पुजारी अपनी प्लेट में आने वाले सिक्कों को भी सरकारी खजाने में जमा करवाएँ। सरकारी आदेश में मंदिर के सुरक्षाकर्मियों को पुजारियों पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है। हिन्दू संगठनों ने इसका विरोध किया है। बवाल के बाद सरकार ने आदेश वापस लिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तमिलनाडु के हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ प्रबन्धन विभाग (HR&CE) ने 7 फरवरी, 2025 को एक आदेश जारी किया। आदेश विभाग की मदुरई शाखा ने धन्दायुथापानी मंदिर को जारी किया। इस आदेश में लिखा गया कि पुजारियों को उनकी प्लेट पे चढ़ाया गया एक भी रुपया नहीं लेना चाहिए।
आदेश में कहा गया कि पुजारी सरकार से सैलरी पाते हैं इसलिए मंदिर के भीतर आया हर दान सरकारी खजाने में जमा करवाया जाना चाहिए। इस आदेश में पुजारियों की गतिवधियों पर नजर रखने का निर्देश मंदिर के गार्ड को दिया गया था। अब इसको लेकर हिन्दू संगठन, हिन्दू तमिलार काची (HTK) ने विरोध जताया है। उन्होंने इसे बेहूदा करार दिया है।
बातचीत में HTK के एक पदाधिकारी ने कहा, “यह नोटिस बेतुका और निंदनीय है। मंदिर के पुजारियों की थाली में आमतौर पर भक्त ₹1 या ₹5 तक के सिक्के चढ़ाते हैं, यह उस इलाके और वहाँ के स्थानीय रीति रिवाजों के अनुसार चढ़ाए जाते हैं।”
HTK ने कहा कि सिक्के भगवान के प्रति श्रद्धा और आभार प्रकट करने के लिए चढ़ाए जाते हैं और HR&CE का इस छोटे चढ़ावे के पीछे पड़ना गलत है, वह इस मामले का विरोध करेंगे। उन्होंने इस मामले में लड़ाई को कोर्ट तक ले जाने का ऐलान किया है।
वहीं भारी विरोध के चलते HR&CE विभाग ने यह नोटिस वापस ले लिया है। विभाग ने कहा है कि मंदिर के ट्रस्टी से बातचीत किए बिना ही यह नोटिस जारी कर दिया गया था। अब विभाग ने कहा है कि नया आदेश जारी करने की कोई जरूरत नहीं थी क्योंकि पुजारी लगातार पैसा जमा करते आए हैं ।
पुजारियों के खिलाफ कार्रवाई का ऐसा कोई यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले अप्रैल, 2024 में मंदिर के भीतर आए कुछ रूपए लेने के आरोप में 4 पुजारियों को तमिलनाडु की सरकार ने गिरफ्तार कर लिया था। इन पर भी थाली में चढ़ाए गए पैसे लेने का आरोप लगा था।