पत्रकार अभिजीत मजूमदार ने बताया है कि तमिलनाडु पुलिस अब उनके पीछे पड़ी हुई है। उन्होंने जानकारी दी कि जिस मीडिया संस्थान के लिए वो लिखते हैं और टीवी शो करते हैं, उसके दफ्तर में तमिलनाडु पुलिस के अधिकारी उन्हें खोजते हुए पहुँचे थे। तमिलनाडु पुलिस के 4 अधिकारियों ने वहाँ पहुँच कर उनके बारे में पूछताछ की। दरअसल, उन्होंने Firstpost में एक लेख के जरिए उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म को डेंगू-मलेरिया बताने हुए इसे खत्म करने के बयान की आलोचना की थी।
‘Earshot’ नामक पॉडकास्ट प्लेटफॉर्म के संस्थापक अभिजीत मजूमदार ने ये भी बताया कि उनके खिलाफ तमिलनाडु में FIR भी दर्ज की गई है। इसके बाद उनके खिलाफ वकीलों और अब पुलिसकर्मियों को लगाया गया है। इसके बाद उन्होंने तंज कसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ऐसे ही लोगों द्वारा फासीवादी कहा जाता है। बता दें कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और DMK के मुखिया एमके स्टालिन के बेटे मंत्री उदयनिधि स्टालिन के बयान के बाद हिन्दू कार्यकर्ताओं, भाजपा और कई संगठनों के वाला साधु-संतों ने भी आलोचना की थी।
बता दें कि फर्स्टपोस्ट ‘नेटवर्क 18’ मीडिया संस्थान का ही हिस्सा है, जिसके अंतर्गत ‘न्यूज़ 18’ टीवी चैनल भी आता है। जिस लेख को लेकर ये FIR दर्ज की गई है, उसका शीर्षक था – ‘उदयनिधि स्टालिन द्वारा हिन्दुओं के नरसंहार की बात करने से तमिलनाडु में भाजपा को बड़ा फायदा मिला है।’ इसमें उन्होंने विश्लेषण किया था कि उनके इस बयान से भले उनके समर्थक खुश हो जाएँ, लेकिन इससे उनके खिलाफ एक बड़ा वर्ग ध्रुवीकृत भी होगा। उन्होंने लिखा था कि पेरियार द्वारा ज़हरीला बना दिए गए तमिलनाडु में इस तरह का बयान आश्चर्यजनक नहीं है।
इस लेख में अभिजीत मजूमदार ने याद किया था कि कैसे 70 के दशक में पेरियार की रैली में हिन्दू देवी-देवताओं की तस्वीरों को जूते-चप्पल से मारा गया था और ‘ब्राह्मणों द्वारा निचली जातियों पर अत्याचार’ के विरोध के नाम पर ये सब किया गया था। उन्होंने ध्यान दिलाया कि कैसे चोल, पल्लव और परांतक के हिन्दू साम्राज्यों का स्थल रहे तमिलनाडु में अब हिन्दुओं के खिलाफ घृणा सामान्य हो गई है। उन्होंने लिखा था कि अब सनातन के पुनर्जागरण के साथ तमिलनाडु में एक शांत बदलाव आ रहा है और BJP के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई के इर्दगिर्द ये बदलाव हो रहा है।
उन्होंने तमिलनाडु के वैदिक इतिहास का जिक्र करते हुए लिखा था कि सनातन धर्म वहाँ भी हमेशा से विद्यमान रहा है। अभिजीत मजूमदार ने अपने लेख मे ये भी पूछा था कि इस्लामी आक्रांताओं और अंग्रेजों द्वारा किए गए नरसंहारों के लिए क्या उदयनिधि स्टालिन कभी इस्लाम या ईसाई मजहब को खत्म करने की बात कर सकते हैं? उन्होंने इस लेख में ये भी लिखा था कि पेरियार ने अपनी गोद ली हुई बेटी से शादी कर ली, जो उनसे 40 साल छोटी थी। साथ ही अपनी पत्नी को गुंडों से धमकी दिलवाई कि वो मंदिर न जाए।
What a day.
Got a call from the media house I write and do TV for that 4 Tamil Nadu cops came looking for me for a piece I had written criticising Udhayanidhi Stalin’s call to eradicate Sanatan Dharma.
Apparently, FIR has been filed.
Then lawyers, cops.
They say Modi is fascist.
— Abhijit Majumder (@abhijitmajumder) September 29, 2023
JNU के प्रोफेसर और वैज्ञानिक आननद रंगनाथन ने भी अभिजीत मजूमदार का समर्थन किया है। उन्होंने लिखा है कि उदयनिधि स्टालिन का बयान न सिर्फ हिन्दू विरोधी है, बल्कि माँ की हत्या करने जैसा भी है। आनंद रंगनाथन ने बताया कि अभिजीत मजूमदार ने अपनी लेख में ये पंक्ति लिखी थी और अब तमिलनाडु पुलिस उनके पीछे पड़ी है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की चुप्पी पर भी सवाल उठाया और कहा कि वो अभिजीत मजूमदार के साथ खड़े हैं।
Udhayanidhi’s mother is a devout Hindu. In that sense his rant is not just anti-Hindu but also matricidal.
This is a quote from @abhijitmajumder‘s article. Now the Tamil Nadu police is after him. FIRs have been registered. Meanwhile, Supreme Court is silent.#IStandWithAbhijit
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) September 30, 2023
याद दिला दें कि बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप पर भी NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) तमिलनाडु सरकार ने ही लगाया था और उन्हें जेल में डाल दिया था। मनीष कश्यप ने राज्य में बिहारी मजदूरों पर अत्याचार किए जाने का आरोप लगाते हुए वीडियो बनाए थे। उदयनिधि स्टालिन के बयान के बाद भाजपा की आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय पर भी FIR दर्ज की गई थी, जिन्होंने इस बयान की आलोचना की थी। इसी तरह, पत्रकार पीयूष राय के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी, क्योंकि उन्होंने एक संत द्वारा उदयनिधि स्टालिन को चेतावनी वाली खबर शेयर की थी।