केंद्र सरकार ने पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने और कम प्रसिद्ध स्थलों को प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से 23 राज्यों में 40 परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनकी अनुमानित लागत 3295.76 करोड़ रुपये है। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पर्यटन को रोजगार और समृद्धि का साधन बनाने के दृष्टिकोण का हिस्सा है।
योजना की मुख्य बातें:
- उद्देश्य:
- कम प्रसिद्ध स्थलों को विकसित करना।
- पर्यटन स्थलों का संतुलित विकास और देशभर में पर्यटकों का बेहतर वितरण सुनिश्चित करना।
- इन स्थलों की ब्रांडिंग और विपणन करना, जिससे वे राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर आकर्षण के केंद्र बनें।
- परियोजनाओं का चयन:
- कुल 87 परियोजनाओं के प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 40 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।
- परियोजनाओं की योजना और क्रियान्वयन के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को विशेष सहायता प्रदान की जाएगी।
- प्रमुख स्थल:
- असम: रंग घर, शिवसागर।
- बिहार: मत्स्यगंधा झील, सहरसा।
- गोवा: प्रस्तावित टाउन स्क्वायर, पोरवोरिम।
- मध्य प्रदेश: ओरछा।
- ऋण सहायता:
- परियोजनाओं के लिए राज्यों को 50 वर्षों तक ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा।
- परियोजनाओं को 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
- पर्यटन क्षेत्र में निवेश:
- 8,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं के लिए प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
- मंजूर परियोजनाओं को मार्च 2026 तक वित्तीय सहायता दी जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र का विकास लाखों लोगों की आजीविका और आर्थिक समृद्धि का माध्यम बन सकता है। उन्होंने इसे बुनियादी ढांचे के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए कहा कि सरकार पर्यटन स्थलों के आधुनिकीकरण और स्थायी पर्यटन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
Tourism has the potential to bring prosperity to the lives of many. Our Government will keep focussing on enhancing India’s tourism infrastructure to ensure more people can experience the wonders of #IncredibleIndia. https://t.co/Bnssm1zkwD
— Narendra Modi (@narendramodi) November 29, 2024
राज्यों के लिए लाभ:
- राज्यों को बेहतर पर्यटन स्थलों के निर्माण के लिए सहायता।
- इन स्थलों से जुड़े स्थानीय व्यवसायों और रोजगार को बढ़ावा।
- अंतरराष्ट्रीय और घरेलू पर्यटकों के लिए बेहतर अनुभव।
परियोजनाओं की समयसीमा:
राज्य सरकारों को परियोजनाओं को दो साल में पूरा करना होगा, ताकि उनके प्रभाव को जल्द से जल्द देखा जा सके।
संभावित प्रभाव:
- इन परियोजनाओं से पर्यटन स्थलों पर बुनियादी सुविधाएं और पर्यटक आकर्षण बढ़ेंगे।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
- भारत के पर्यटन स्थलों की वैश्विक पहचान मजबूत होगी।
यह पहल पर्यटन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाने और स्थानीय समुदायों के सशक्तिकरण के साथ भारत को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर एक अग्रणी देश बनाने का प्रयास है।