लाहौर किले में सिख साम्राज्य की विरासत: एक महत्वपूर्ण खोज
अमेरिकी शोधकर्ता डॉ. तरुणजीत सिंह बुटालिया द्वारा लाहौर किले में सिख साम्राज्य (1799-1849) से जुड़े 100 से अधिक स्मारकों की पहचान करना एक ऐतिहासिक खोज है। इनमें से 30 स्मारक अब नष्ट हो चुके हैं, जो सिख साम्राज्य की विरासत को संरक्षित करने की आवश्यकता को दर्शाता है।
लाहौर किले का सिख इतिहास
🔹 मुगल काल: 16वीं शताब्दी में अकबर ने लाहौर किले का निर्माण कराया।
🔹 सिख अधिग्रहण: 1799 में पंजाब के सिख शासक महाराजा रणजीत सिंह ने इसे अपने नियंत्रण में लिया।
🔹 सिख शासन (1799-1849): यह किला सिख साम्राज्य का राजनीतिक और प्रशासनिक केंद्र बना रहा।
🔹 ब्रिटिश नियंत्रण (1849 के बाद): अंग्रेजों ने इसे सेना की छावनी में बदल दिया।
सिख शासकों द्वारा लाहौर किले में योगदान
✅ महाराजा रणजीत सिंह – किले की कई संरचनाओं को सुरक्षित रखा, हजूरी बाग और उसकी बारादरी का निर्माण कराया।
✅ महाराजा खड़क सिंह और कंवर नौनिहाल सिंह – विभिन्न प्रशासनिक और धार्मिक स्थलों का संरक्षण किया।
✅ महाराजा शेर सिंह – किले में अतिरिक्त सुरक्षा और सौंदर्यीकरण कार्य करवाए।
सिख विरासत को संरक्षित करने की आवश्यकता
🔸 सिख इतिहास की पहचान – 1947 के विभाजन के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सिख ऐतिहासिक स्थलों का बंटवारा हो गया, जिससे सिखों का अपने ऐतिहासिक स्थलों से संपर्क टूट गया।
🔸 सिख समुदाय की रुचि – इस टूर गाइडबुक से दुनिया भर के सिखों को उनके गौरवशाली अतीत के बारे में जानकारी मिलेगी।
🔸 संरक्षण के प्रयास – पाकिस्तान में सिख स्थलों के संरक्षण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
लाहौर किला सिख इतिहास का एक अभिन्न हिस्सा है और इस नई खोज से सिख समुदाय की विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास हो सकता है। आपका क्या मानना है, क्या पाकिस्तान सरकार को सिखों की ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के लिए और प्रयास करने चाहिए?