धैर्य और साहस के आगे पहाड़ हार गया…जी हां, मंगलावर को उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में फंसे सभी 41 मजदूर टनल से बाहर निकल गए. 17 दिन बाद उनके चेहरे पर खुशियां लौटीं. रेस्क्यू टीम ने बिना थके, बिना रुके इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. इन मजदूरों ने भी अपना हौंसला नहीं छोड़ा. धैर्य और साहस बनाए रखा. मजदूरों के बाहर निकलने के बाद उनके परिजन काफी खुश हैं.
टनल से बचाए गए मजदूरों में से एक श्रमिक सोनू की मां ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं. मैं सरकार और सभी बचाव दल के सदस्यों को धन्यवाद देती हूं, जिन्होंने मेरे बेटे को मेरी गोद में डाल दिया. मैं उन्हें लाख-लाख शुक्रिया अदा करती हूं. मेरे बेटे ने कहा कि वह दो दिन में वापस लौट आएगा.’ बता दें कि सोनू बिहार के छपरा का रहने वाला है.
वहीं, असम के कोकराझार के रहने वाले मजदूर राम प्रसाद नरजारी के पिता ने कहा, ‘सुरंग के अंदर फंसे सभी लोगों को सुरक्षित बचाने के लिए मैं भारत सरकार और असम सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं. मुझे यह सुनकर राहत मिली कि बचाए गए लोगों को अस्पताल ले जाया गया है.’ बेटे के टनल से बाहर निकलने की खुशी में नरजारी के परिवार के सदस्यों ने पटाखे जलाकर जश्न मनाया.
#WATCH | Kokrajhar, Assam: Ram Prsad Narzary's father said, "I want to thank the Government of India and Assam government for safely rescuing all the people trapped inside the tunnel… I am relieved after listening that the rescued have been taken to the hospital…" (28.11) pic.twitter.com/tFo9PCdgFw
— ANI (@ANI) November 28, 2023
श्रावस्ती (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले मजदूर राम मिलन के बेटे संदीप कुमार ने बताया कि काफी अच्छा लग रहा है. सब लोग खुश हैं. उनसे बात हुई है. मैं केंद्र सरकार और बचाव कर्मियों का धन्यवाद करता हूं.