मध्य प्रदेश के धार स्थित भोजशाला का 56 दिनों का सर्वे पूरा हो चुका है। आज 57वें दिन का सर्वे हो रहा है। एएसआई की टीम लगातार खुदाई कर रही है। दिन बीतने के साथ खुदाई से नए-नए तथ्य सामने आ रहे हैं, जो कि इस बात का खुलासा कर रहे हैं कि भोजशाला ही असली सरस्वती मंदिर था। मिट्टी हटाने का काम तेजी से चल रहा है।
जुमे की नमाज के चलते सुबह 6 बजे ही एएसआई की टीम भोजशाला पहुंच गई थी। एएसआई के 17 अधिकारी, कर्मचारी, 37 मजदूरों सहित पक्षकारों की मौजूदगी में सर्वे के बिंदुओं को ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है। लेकिन आज जुम्मे की नमाज को देखते हुए प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिसबलों की तैनाती भी की है। यज्ञशाला के समीप खुले हिस्से में 15 फीट तक की मिट्टी हटाने के बाद भी दो दीवार मिली थीं, जिसकी मिट्टी को हटाने का काम एएसआई की टीम करवा रही है। 56वें दिन के सर्वे के दौरान जांच टीम को एक जंग लगी तलवार भी मिली थी। जिसकी वैज्ञानिक की जाएगी।
55वें दिन के सर्वे में मिली थी राम, कृष्ण और शिव की मूर्तियां
इससे पहले बुधवार को जब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग 55वें दिन का सर्वे करवा रहा था तो स्तंभों और दीवारों पर भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण, परशुराम, शिव और हनुमान की आकृतियां उभरी हुई मिलीं थीं। विशेषज्ञों द्वारा जब स्तंभों और दीवारों की क्लीनिंग के बाद ये आकृतियां अब साफ नजर आने लगी थीं। गर्भगृह के ठीक सामने एक स्तंभ पर भगवान राम-कृष्ण, परशुराम, और भगवान शिव की आकृति एक ही स्तंभ पर दिखी थी।
4 जुलाई को कोर्ट में सबमिट करनी रिपोर्ट
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के के इंदौर खंडपीठ के आदेश के बाद बीते दो माह से एएसआई लगातार भोजशाला का सर्वे कर रही है। एक बार सर्वे का वक्त खत्म हाई कोर्ट ने एएसआई को अतिरिक्त 4 सप्ताह का वक्त दिया था। अब 4 जुलाई को जांच एजेंसी को अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपनी है।