महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन अब तेज होता जा रहा है. इसका असर अब पूरे राज्य में महसूस किया जा रहा है. मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने उपमुख्यमंत्री दवेंद्र फडणवीस को चेतावनी दी है कि यदि मराठा आरक्षण की मांग नहीं मानी गई, तो कार्तिकी एकादशी पर उपमुख्यमंत्री को महापूजा करने नहीं देंगे. बता दें कि मराठा आरक्षण की मांग को लेकर पूरे राज्य में आंदोलन चल रहा है. मराठा आरक्षण की मांग पर मनोज जारांगे पाटिल के नेतृत्व में लगातार उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं. अब प्रदर्शनकारियों ने उपमुख्यमंत्री को बड़ी चेतावनी दी है.
23 नवंबर को कार्तिकी एकादशी है. इस दिन राज्य के उपमुख्यमंत्री आधिकारिक महापूजा का आयोजन करते हैं, लेकिन इस साल इस पूजा में उपमुख्यमंत्री के शामिल नहीं होने को लेकर प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है.
पूरे मराठा समाज ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है कि हमें मराठा आरक्षण दो, नहीं तो हम मुख्यमंत्री को पंढरपुर में पैर भी नहीं रखने देंगे. मराठा प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि कोई भी विधायक, खासदार या मंत्री किसी को भी यह पूजा नहीं करने नहीं दिया जाएगा, जब-तक मराठा समाज को आरक्षण नहीं मिल जाता है.
इस दौरान चेतावनी भी दी गई है कि तब तक किसी भी राजनीतिक नेता को विट्ठल मंदिर में मंत्री से मिलने की इजाजत नहीं दी जाएगी. वह इस अवसर पर आयोजित महापूजा में हिस्सा नहीं ले पाएंगे.
कार्तिकी एकादशी पर कौन करेगा महापूजा?
राज्य में फिलहाल दो उपमुख्यमंत्री हैं. देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के पास उप मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है. कार्तिकी एकादशी पर महापूजा उपमुख्यमंत्री के हाथों होती है, लेकिन चूंकि वर्तमान में दो उपमुख्यमंत्री हैं, इसलिए यह देखना महत्वपूर्ण है कि यह सम्मान किसे मिलेगा.
मराठा आरक्षण को लेकर मराठा समाज आक्रामक हो गया है. मराठा समुदाय आज शाम कैंडल मार्च निकालेगा. 15 किमी तक कैंडल मार्च निकाला जाएगा. यह निर्णय 123 गांवों के नागरिकों की बैठक में लिया गया था. शाहगढ़ फाटा से अंतरवाली सराती तक कैडल मार्च निकाला जाएगा. इस कैडल मार्च में 123 गांवों से हजारों महिला, पुरुष और युवतियों के शामिल होने की उम्मीद है.
मनोज जारांगे ने उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
मनोज जारांगे पाटिल ने मराठा आरक्षण के लिए कैडल मार्च निकालने की अपील की थी. उसका रिस्पॉन्स मिलता दिख रहा है. मनोज जारांगे मराठा आरक्षण की मांग को लेकर फिर से अनशन शुरू किया है.
इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दिल्ली गए थे और दिल्ली में आला नेताओं के साथ बैठक की थी. इस बैठक में मराठा आरक्षण को लेकर चर्चा हुई थी. वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि शिंदे सरकार मराठा आरक्षण को लेकर सहमत है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसके खिलाफ फैसला दिया था. इस बीच सरकार ने आरक्षण पर विचार के लिए एक कमेटी गठित की है.