गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसीएच) ने अपना पहला शव किडनी ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक कर इतिहास रच दिया है।
दरअसल, एक ब्रेन डेड मरीज के परिवार के सदस्यों ने दो किडनी दान किया। डोनेट किए गए किडनी को गुवाहटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने दो अन्य मरीजों में सफलतापूर्वक किडनी ट्रांसप्लांट किया। असम के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को इसकी जानकारी दी।
सीएम सरमा ने जताया आभार
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा, ‘हम ब्रेन डेड मरीज के परिवार के सदस्यों के बहुत आभारी हैं। जीएमसीएच के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने यहां सफलतापूर्वक किडनी ट्रांसप्लांट किया और यह गुवाहाटी के साथ-साथ पूर्वोत्तर भारत में भी पहला किडनी ट्रांसप्लांट है। किडनी दो अन्य मरीजों में ट्रांसप्लांट की गईं। अगर हम ब्रेन डेड मरीजों की किडनी दान करने की संस्कृति शुरू करते हैं तो इससे कई लोगों की जान बच जाएगी।’
पूर्वोत्तर भारत में भी पहला किडनी ट्रांसप्लांट
सरमा ने आगे कहा कि ‘हम गुवाहाटी में लीवर ट्रांसप्लांट कराने का भी प्रयास करेंगे। असम के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जीएमसीएच के डॉक्टरों ने आईवीएफ के माध्यम से एक बच्चे को सफलतापूर्वक जन्म दिया है।
आईवीएफ की मदद से मां बन रही महिलाएं
डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि जीएमसीएच के डॉक्टरों ने 36 भ्रूण ट्रांसप्लांट किए जिससे 8 महिलाएं गर्भवती हुईं और एक सिजेरियन प्रसव कराया। जीएमसीएच में आईवीएफ की लागत लगभग 75,000 से 1 लाख रुपये है। जीएमसीएच में 28 बोन नेरो ट्रांसप्लांट भी किए गए। उन्होंने आगे कहा कि जीएमसीएच में 53,000 से अधिक रोगियों को पीएम योजनाओं का लाभ मिलता है। असम के मुख्यमंत्री ने शनिवार को जीएमसीएच में प्रगति कार्यों की समीक्षा की।