मध्य प्रदेश के धार स्थित ऐतिहासिक भोजशाला का 97वें दिन का सर्वे पूरा हो चुका है, जिसमें खुदाई से निकल रहीं हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियां और पत्थरों पर उकेरी गई सनातन धर्म की प्रतीक आकृतियां इस बात की वहां पर सनातन धर्म की मौजूदगी की गवाही चिल्ला-चिल्ला कर दे रही हैं। 97वें दिन की खुदाई में भोजशाला के बाहर स्थित दरगाह के एक कोने से जमीन के अंदर से भगवान नृसिंह और माता की मूर्ति का मुख मिला है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को हुए सर्वे के दौरान जांच टीम को कुल मिलाकर 8 अवशेष मिले हैं। खुदाई के इस काम में पुरातत्व विभाग के 9 सदस्यों की टीम के अलावा 35 मजदूर भी लगे हुए थे। इस बात की पुष्टि करते हुए हिन्दू पक्ष के गोपाल शर्मा का कहना है कि खुदाई के दौरान मिले 8 अवशेषों में 2 नृसिंह भगवान की मूर्तियां है और एक देवी की मूर्ति का मुख है, इसके अलावा 5 अन्य अवशेषों में कई स्तंभ भी हैं।
इससे पहले 93वें दिन की खुदाई में जांच टीम को भोजशाला के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र से आज जटाधारी भगवान शंकर की मूर्ति, 7 मुख वाले वासुकी नाग की मूर्ति और कलश सहित 9 पाषाण अवशेष मिले थे। उससे पहले इससे पहले 55वें दिन के सर्वे में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को स्तंभों और दीवारों पर भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण, परशुराम, शिव और हनुमान की आकृतियां उभरी हुई मिलीं थीं। विशेषज्ञों द्वारा जब स्तंभों और दीवारों की क्लीनिंग के बाद ये आकृतियां अब साफ नजर आने लगी थीं। गर्भगृह के ठीक सामने एक स्तंभ पर भगवान राम-कृष्ण, परशुराम, और भगवान शिव की आकृति एक ही स्तंभ पर दिखी थी।
अपने अंतिम चरण की ओर सर्वे
गौरतलब है कि ऐतिहासिक भोजशाला का हाई कोर्ट के आदेश के बाद से किया जा रहा सर्वे अब अपने अंतिम पड़ाव की ओर है। एएसआई को 4 जुलाई को हाई कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सबमिट करनी है। उससे पहले एक बार हाई कोर्ट ने सर्वे की तारीखों को बढ़ाया था।