सिक्किम में आई बाढ़ में कई लोगों की मौत हो गई, जबकि कई घर तबाह हो गए. बाढ़ के करीब दो हफ्ते बाद भी शवों के मिलने का सिलसिला जारी है. मंगलवार को दो और शव बरामद किए गए, जिसके बाद बाढ़ में मरने वालों की संख्या 40 हो गई, जबकि अभी 76 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है.
सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक ज्यादातर शव पाकयोंग में बरामद किए गए, पाकयोंग जिले से अब तक 26 शव मिले हैं जिसमें 15 आम नागरिक हैं जबकि 11 शव सेना के जवानों के हैं. वहीं चार शव मंगन, आठ गंगटोक और दो नामची से बरामद किए गए हैं.
बादल फटने से तीस्ता नदी में आई बाढ़
चार अक्टूबर को बादल फटने के बाद तीस्ता नदी में अचानक आयी बाढ़ ने सिक्किम में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई. इस आपदा में करीब 88,000 लोग प्रभावित हुए हैं. कुदरत के इस कहर में कई कई घरों को नुकसान पहुंचा है. लोग बेघर हो गए हैं. जो शरणार्थी कैंप में सहारा लिए हैं.
राज्य में सेना ने संभाला मोर्चा
आपदा की इस घड़ी में सेना के जवानों ने मोर्चा संभाला और लोगों का रेस्क्यू कर उनकी जान बचाई. हालांकि बाढ़ में सेना के वाहन में मलबे में धंस गए थे. जिन्हे कड़ी मशक्कत से बाहर निकाला गया. इस दौरान कई सैनिकों की जान भी चली गई. बाढ़ में सिक्किम में आए पर्यटक भी फंस गए थे. जिन्हें वायु सेना की मदद से सही सलामत बचाकर सुरक्षित जगह पहुंचाया गया. राज्य में करीब 20 शिविर बनाए गए हैं जिसमें प्रभावित लोग शरण लिए हुए हैं. बाढ़ के दौरान कई जिलों से संपर्क भी टूट गया था.
सीएम ने किया मुआवजे का ऐलान
राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए मुआवजे का ऐलान किया साथ ही शिविरों में रिके लोगों के लिए भी तत्काल राहत पैकेज देने की घोषणा की. साथ ही सीएम के मुताबिक राज्य में आई इस आपदा में हजारों करोड़ का नुकसान हुआ है.
पीएम ने दिया हर संभव मदद का भरोसा
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री से तमांग से हालात के बारे में जानकारी ली और हर संभव मदद का भरोसा दिया. उधर केंद्र सरकार ने बाढ़ लोगों को राहत देने के लिए सिक्किम को राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के केंद्रीय हिस्से से 44.8 करोड़ रुपये की राशि जारी करने की मंजूरी दी है.गृह मंत्रालय की तरफ से बादल फटने और उससे हुए नुकसान के आकलन के लिए एक टीम भी गठित की गई है.
बाढ़ से राज्य में मची तबाही
आपको बता दें कि ल्होनक झील में बादल फटने की वजह से तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई थी. जिससे चारों तरफ पानी भर गया था. बाढ़ का पानी निचले इलाकों के गांवों और कस्बों में घुस गया. वहीं राज्य के कई पुल भी बाढ़ की जद में आ गए. फिलहाल राज्य में अभी भी लापता लोगों की तलाश की जा रही है.