इजरायल-ईरान सीजफायर: क्या सच में थम गई है जंग?
इजरायल और ईरान के बीच जारी तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि दोनों देशों के बीच युद्धविराम (सीजफायर) लागू हो चुका है। ट्रंप ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा, “प्लीज…”
हालांकि, हालात इतने स्पष्ट नहीं हैं। ट्रंप की यह घोषणा उस वक्त आई जब ईरान ने कतर स्थित अमेरिकी सैन्य बेस पर मिसाइलें दाग दीं। इससे पहले भी ट्रंप ने सीजफायर का दावा किया था, लेकिन उसके कुछ घंटों बाद ही ईरान ने इजरायल पर मिसाइल हमले शुरू कर दिए। ऐसे में ट्रंप की घोषणा पर सवाल उठना लाजमी है।
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने भी शुरुआती तौर पर किसी समझौते से इनकार किया था। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा,
“अभी तक कोई सीजफायर या सैन्य कार्रवाई रोकने पर समझौता नहीं हुआ है। हां, अगर इजरायल सुबह 4 बजे तक अपने हमले रोक देता है, तो हम भी जवाबी कार्रवाई नहीं करेंगे।”
As Iran has repeatedly made clear: Israel launched war on Iran, not the other way around.
As of now, there is NO "agreement" on any ceasefire or cessation of military operations. However, provided that the Israeli regime stops its illegal aggression against the Iranian people no…
— Seyed Abbas Araghchi (@araghchi) June 24, 2025
बाद में उन्होंने एक और पोस्ट में यह संकेत दिया कि सैन्य कार्रवाइयाँ सुबह 4 बजे तक चलीं, और इसके बाद कोई नई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने इसे आधिकारिक सीजफायर तो नहीं कहा, लेकिन इस ओर इशारा जरूर किया कि ईरान अब फिलहाल और हमले नहीं करेगा, बशर्ते इजरायल उकसावे वाली कार्रवाई न करे।
इस स्थिति में यह कहना कि पूर्ण युद्धविराम लागू हो गया है, थोड़ा जल्दबाज़ी हो सकता है। जब तक दोनों देशों की ओर से आधिकारिक और संयुक्त घोषणा नहीं होती, तब तक इसे केवल एक अस्थायी विराम ही माना जा सकता है।
निष्कर्ष:
फिलहाल, जंग की तीव्रता जरूर कम हुई है और दोनों पक्षों ने कुछ हद तक पीछे हटने के संकेत दिए हैं। लेकिन आधिकारिक तौर पर सीजफायर की पुष्टि नहीं हुई है। ट्रंप के बयानों को राजनीतिक प्रयास माना जा रहा है, न कि ठोस कूटनीतिक सफलता।
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