जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला करने वाले एक आतंकी की पहचान हाशिम मूसा के रूप में हुई है। हाशिम एक पाकिस्तानी है और वहाँ की फ़ौज का कमांडो भी रहा है। यह जानकरी पहलगाम में हुई आंतकी घटना की जाँच के बाद सामने आई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह जानकारी पहलगाम हमले के बाद 15 कश्मीरी ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) से पूछताछ के दौरान सामने आई है। उन्हें पहलगाम हमले में पाकिस्तानी आतंकवादियों को सहायता प्रदान करने के संदेह में हिरासत में लिया गया है।
इसके अलावा ओजीडब्ल्यू पर आरोप है कि आतंकवादियों के लिए लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था करने और हमले से पहले इलाके की रेकी करने में मदद की है। जिससे पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की संभावित भूमिका की ओर भी इशारा मिलता है।
इस मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “संभावना है कि हाशिम मूसा को पकिस्तान के स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) के द्वारा लश्कर-ए-तैयबा (LeT) को सौंपा गया था ताकि वह जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे सके।”
जाँच में यह भी पता चला है कि हाशिम मूसा पहले भी कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है। इसमें अक्टूबर 2024 में गांदरबल के गांगनगीर में हुआ हमला शामिल है, जिसमें कई निर्दोष लोग मारे गए थे। इसके अतिरिक्त, वह बारामूला के बूटा पथरी में हुए हमले में भी शामिल था, जिसमें दो भारतीय सेना के जवान और दो पोर्टर बलिदान हो गए थे।
पाकिस्तान में ट्रेन्ड दो स्थानीय आतंकवादी, जुनैद अहमद भट और अरबाज मीर गांगनगीर और बूटा पथरी के हमलों में भी शामिल थे। हालांकि, दोनों बाद में सुरक्षा बलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए थे।
इसी के साथ, खुफिया एजेंसियों ने आशंका जताई है कि कश्मीर में कई पर्यटन स्थलों पर पहलगाम जैसे और आतंकी हमलों हो सकते हैं है। जिसके चलते कश्मीर के 87 पर्यटन स्थलों में से 48 को तत्काल रुप से बंद कर दिए गए है।