भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को कर्नाटक के चित्रदुर्ग के पास चल्लकेरे में एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (एटीआर) से ‘पुष्पक’ नामक अपने पुन: प्रयोज्य लॉन्च वाहन (आरएलवी) के लैंडिंग मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। प्रक्षेपण स्थल पर इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। अंतरिक्ष संगठन ने एक्स पर लिखा, “इसरो ने एक बार फिर कमाल किया! पुष्पक (आरएलवी-टीडी), पंखों वाला वाहन, ऑफ-नोमिनल स्थिति से मुक्त होने के बाद रनवे पर सटीकता के साथ स्वायत्त रूप से उतरा।” पुष्पक का प्रक्षेपण अंतरिक्ष पहुंच को अधिक किफायती और टिकाऊ बनाने की दिशा में भारत का साहसिक प्रयास है।
Isro successfully lands 'Pushpak', India’s first Reusable Launch Vehicle.
"Isro nails it again! Pushpak (RLV-TD), the winged vehicle, landed autonomously with precision on the runway after being released from an off-nominal position," the space organisation wrote on X. pic.twitter.com/EdVjTEwhz2
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) March 22, 2024
इसरो ने प्रशीक्षण के बारे में क्या कहा?
ISRO ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर जानकारी देते हुए बताया कि, पिछले साल RLV-LEX 01 का मिशन पूरा किया गया था। इसके बाद अब RLV-LEX 02 का टेस्ट हुआ। इसने हेलीकॉप्टर से निकलने के बाद प्रारंभिक स्थितियों में ही RLV की स्वायत्त लैंडिग की क्षमता का प्रदर्शन किया। पुष्पक नाम पंखों वाले वाहन को भारतीय वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर द्वारा उठाया गया और 4.5 किलो मीटर की ऊंचाई से छोड़ा गया। रनवे से 4 किमी की दूररी पर रिलीज होने के बाद पुष्पक स्वायत्त रूप से क्रॉस रेंजे सुधारों के साथ रनवे पर उतरा। पुष्पक रनवे पर अच्छे से उतरा।
RLV-LEX-02 Experiment:
🇮🇳ISRO nails it again!🎯
Pushpak (RLV-TD), the winged vehicle, landed autonomously with precision on the runway after being released from an off-nominal position.
🚁@IAF_MCC pic.twitter.com/IHNoSOUdRx
— ISRO (@isro) March 22, 2024
पुष्पक की विशेषताएं भी जान लें
बता दें कि पुष्पक एक री-यूजेबल लॉन्चिंग विमान है। यह विमान उन हवाई जहाजों जैसा दिखता है जिनके पंख होते हैं। इसका वजन करीब 1.75 टन है। यह विमान अंतरिक्ष तक पहुंच को किफायती बनाने में कारगर हो सकता है। पुष्पक अधिक जटिल परिस्थितियों में रोबोटिक लैंडिंग में मदद कर सकता है। आज यानी शुक्रवार को रोबोटिक लैंडिंग का ही परीक्षण किया गया।